बेटी ने लव मैरिज कर ली तो उसने पत्नी को दे दिया तलाक
भोपाल । भोपाल में ही रहने वाली शबनम (25) की पिछले साल भोपाल में ही एक परिवार में शादी हुई। शादी के करीब एक महीने बाद ही उसे अपने साथ शारजाह लेकर चला गया। यहां पति के परिवार के अन्य लोग भी रह रहे थे। पति ने महीने भर बाद ही शबनम को परेशान करना शुरू कर दिया। वह बोलता था सबनम से अच्छे से खाना बनाना नहीं आता। वॉशिंग मशीन की जगह हाथ से कपड़े धोने पर मजबूर किया जा रहा था।
विवाद बढ़ने पर वह भोपाल अपने मायके आ गई। इसके बाद पति ने उसे तीन तलाक बोल दिया। मेहर की राशि लौटा दी। तलाक का फतवा भी जारी करा दिया। महिला ने गौरवी में इसकी शिकायत की। फैमिली कोर्ट में भरण-पोषण के लिए प्रकरण चल रहा है। पति का कहना है कि वह तलाक दे चुका है, इसलिए भरण-पोषण का सवाल ही नहीं है। सबनम का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद उन्हें काफी उम्मीद जगी है। उन्हें उम्मीद है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा।
केस 1- बेटी ने लव मैरिज की तो दी तलाक
इरफान (बदला नाम) को नारकोटिक्स के केस में 10 साल की जेल हो गई। वह वह जेल से छूटा तो उसकी बड़ी बेटी ने लव मैरिज कर ली थी। इससे नाराज होकर उसने पत्नी को तलाक बोल दिया। उसका कहना था कि उसके जेल में रहते हुए मां ने बेटी की शादी करा दी। पत्नी ने गौरवी में शिकायत की थी। अब पत्नी ने भरण-पोषण के लिए केस दर्ज कराया है।
केस 2- बेहोशी में ही बोल दिया था तलाक
भोपाल की रहने वाली शहनाज (बदला नाम) पढ़ी-लिखी , लेकिन दिव्यांग है। उसकी भोपाल के ही एक युवक से 2016 में शादी हो गई। पति को बिजनेस में नुकसान हुआ तो पति के कहने पर शहनाज ने अपने एक रिश्तेदार से दो लाख रुपए उधारी दिलवाया। अब पति यह राशि लौटाने को तैयार नहीं था। इस पर दोनों में विवाद हो गया। पति ने पत्नी को इतना मारा कि वह बेहोश हो गई। इस बीच उसने तलाक भी बोल दिया। यह मामला भी कोर्ट में चल रहा है।
तीन तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने के बाद ऐसी कई महिलाओं को उम्मीद बंधी है। तीन तलाक से पीड़ित कई महिलाएं गौरवी में शिकायत कर भूल गई थीं। उन्हें लगता था कि तीन तलाक के बाद कुछ नहीं हो सकता है, लेकिन अब वे फिर सलाह के लिए आ रही हैं या फिर फोन कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि भरण-पोषण को लेकर भी उनका दावा मजबूत होगा।
तीन तलाक के 70 केस कोर्ट में
गौरवी की कोआर्डिनेटर शिवानी सैनी ने बताया कि तीन तलाक से पीड़ित करीब 70 महिलाओं के केस गौरवी के जरिए कोर्ट में लगाए गए हैं। इनमें भरण-पोषण, घरेलू हिंसा भी शामिल है। जल्द ही कुछ मामलों में निर्णय होने की उम्मीद है।