हर मोहल्ले और हर गली में पैठ बनाने की तैयारी में AAP, जानिए क्यों
नई दिल्ली । बवाना विधानसभा उप चुनाव के नतीजे से जहां आम आदमी पार्टी के अंदर जबरदस्त उत्साह है, वहीं भाजपा में मायूसी छाई है। कांग्रेस मतगणना में पाए मत फीसद से संतुष्ट है।
बवाना की शानदार जीत से उत्साहित आप जल्द ही दिल्ली में संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। आप क्षेत्रीय प्रतिनिधि के नाम से संगठन के लिए नया ढांचा खड़ा करने जा रही है जो पार्टी की रीढ़ साबित होगा।
इसके लिए पूरी योजना यह है कि पार्टी क्षेत्रीय प्रतिनिधि की नियुक्त हर 25 घरों पर करेगी। यह वे लोग होंगे जो समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी रुचि रखते हैं। क्षेत्रीय प्रतिनिधि में वे महिला, पुरुष या बुजुर्ग भी बन सकेंगे जो सहनशील होंगे, समाज के क्रियाकलापों के बारे में जानकारी रखते हैं और अपनी बात शालीनता के साथ किसी के सामने रख सकते हैं।
समाज सेवा का यह पार्ट टाइम कार्य होगा। इसमें सप्ताह में एक दिन दो घंटे के लिए समय देना होगा। क्षेत्रीय प्रतिनिधि क्षेत्रीय अध्यक्ष यानी बूथ अध्यक्ष को रिपोर्ट करेंगे। इनका कार्य केवल पार्टी को सूचना देने का होगा।
इस समय आप बूथ अध्यक्ष बनाने के काम में जुटी है।
अभी तक 14 हजार में से 12 हजार से अधिक अध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। यह कार्य 15 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। किस का बूथ सबसे मजबूत इसे नाम दिया गया है। बवाना उप चुनाव में यह प्रयोग सफल रहा है।
क्षेत्रीय अध्यक्ष के इस नए पद के बारे में श्रम मंत्री व आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने भी कंफर्म किया। उन्होंने इस नए पद के बारे में पूछने पर बताया कि यह पद बहुत ही महत्वपूर्ण पद होगा। हमारी कोशिश है कि इस कार्य के पूरा होने पर आप की पहुंच हर मोहल्ले की हर गली और हर घर तक होगी।
इसकी सफलता के बाद आप के पास सूचना तंत्र का सबसे मजबूत नेटवर्क होगा। यह एक अलग तंत्र होगा जो हर मामले में जमीनी हकीकत से संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराएगा। सरकार की विभिन्न योजनाओं का जनता को मिलने वाले लाभ सहित सभी प्रकार की सूचनाएं सरकार और संगठन तक पहुंच सकेंगी।
हार के कारणों की पड़ताल करेगी भाजपा
बवाना विधानसभा उपचुनाव में हार ने भाजपा नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है। इसकी पड़ताल की जिम्मेदारी भाजपा ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सांसद डॉ. उदित राज को सौंपी है। इन्हीं के संसदीय क्षेत्र में बवाना विधानसभा क्षेत्र आता है।
भाजपा कार्यकर्ता इस हार के लिए भाजपा नेताओं की गुटबाजी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भी कई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के बड़े नेताओं के सामने अपनी नाराजगी जाहिर की थी जिस पर ध्यान नहीं दिया गया। उनका कहना है कि विधायक पद छोड़कर आम आदमी पार्टी से भाजपा में आए वेदप्रकाश को लेकर लोगों में नाराजगी थी। इसके बावजूद इन्हें टिकट दिया गया। भाजपा नेताओं का कहना है कि जमीनी हकीकत पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद अगले कुछ दिनों मेें इस पर विस्तार से चर्चा होगी।