रेयान मामला: स्कूलों की सुरक्षा को लेकर CBSE ने जारी की गाइडलाइन, जानना जरूरी है
गुरुग्राम । रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुई एक बच्चे की हत्या ने पूरे देश के अभिभावकों को चिंता में डाल दिया है। बच्चे जिस स्कूल में पढ़ने जा रहे हैं, वहां कितनी सुरक्षा है। इसे लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। सीबीएसई ने स्कूल-कालेजों में स्टूडेंट्स की सेफ्टी को लेकर गाइडलाइन तैयार की है, जिसे हर पैरेंट्स को जानना जरूरी है।
सीबीएसई की वेबसाइट पर है गाइडलाइन
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) ने स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक गाइडलाइन तैयार की है। सीबीएसई की ऑफिशियल वेबसाइट पर इसकी पूरी डिटेल दी गई है। इसमें सिर्फ उनकी देखरेख के बारे में ही नहीं बल्िक, शारीरिक और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर भी ध्यान रखा गया है। यानी कि स्कूल परिसर के अंदर आपके बच्चे की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होती है।
सोहना रोड गांव भोंडसी के नजदीक स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में क्या-क्या कमियां हैं, इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सीबीएसई की एक टीम ने दौरा किया। टीम के सदस्यों ने बारीकी से एक-एक विषय के बारे में जानकारी हासिल की। क्या-क्या कमियां हैं, इस बारे में जवाब देने सदस्यों ने इनकार कर दिया।
Directs schools to install CCTV cameras, police verification of staff, control entry in school building by outsiders, among other guidelines
— ANI (@ANI) September 14, 2017
यह हैं गाइडलाइन
1. स्कूल के अंदर आने-जाने वाले लोगों पर CCTV से नजर रखना।
2. स्कूल परिसर में किसी भी तरह की गुप्त या छुपी हुई जगह नहीं होनी चाहिए।
3. स्कूल में काम करने वाले हर एक व्यक्ित (टीचर, प्रिंसिपल, चपरासी, एकाउंटेंट, या अन्य) के बैकग्राउंड के बारे में पता करने के बाद उन्हें काम पर रखना।
4. स्कूल परिसर में एक डॉक्टर या नर्स की तैनाती होना अनिवार्य।
5. स्कूल परिसर से 2 किमी की दूरी पर जो भी हॉस्पिटल होगा, उसके साथ टाईअप करना जरूरी।
6. स्कूल प्रशासन को चाइल्ड प्रोटेक्शन पॉलिसी को फॉलो करना जरूरी है। यानी कि बच्चे के साथ किसी भी तरह का टॉर्चर, मारपीट या शारीरिक शोषण नहीं किया जा सकता।
बनाई गई जांच कमेटी
रेयान स्कूल में 7 साल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद सीबीएसई की ओर से भी जांच कमेटी बना दी गई है। बुधवार को कमेटी के सदस्य वी. अरुण कुमार के नेतृत्व में टीम पहुंची। कितने बाथरूम हैं, कितने गार्ड हैं, कितनी बसें हैं, बाथरूम में क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध हैं, स्टाफ के लिए अलग से बाथरूम है या नहीं, कितनी महिला स्टाफ हैं, कितने पुरुष स्टाफ हैं, स्कूल की बाउंड्री ठीक है या नहीं सहित कई सवालों के जवाब टीम के सदस्यों ने हासिल किए।
एसआइटी ने की सभी गार्ड से पूछताछ
एसआइटी ने स्कूल के सभी गार्डों से भी पूछताछ की। गार्डों ने स्वीकार किया है कि बस चालक एवं सहायक बच्चों के बाथरूम का उपयोग करते हैं क्योंकि अलग से सुविधा नहीं है। स्टाफ गलत नहीं करेंगे इस विश्वास की वजह से स्कूल के स्टाफ की बारीकी से जांच नहीं करते थे।
बता दें कि स्कूल के गेट से रिसेप्शन की दूरी लगभग 200 मीटर है। इस तरह अभिभावक 200 मीटर पहले ही अपने बच्चों को छोड़कर जाते हैं। पूछताछ के बाद ही अभिभावकों को गेट से भीतर जाने की इजाजत दी जाती है।
तो न होती अनहोनी
यही नियम बस चालक व सहायक या अन्य स्टाफ के ऊपर लागू होता तो प्रद्युम्न की हत्या न होती। पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार कहते हैं कि घटना की तह में जाने के लिए यदि एक-एक टीचर व अन्य स्टाफ से पूछताछ करने की आवश्यकता होगी तो की जाएगी। कुछ से पूछताछ की भी गई है।