राजस्थानः बांसवाड़ा के सरकारी अस्पताल में 56 दिनों में 82 बच्चों की मौत
जयपुर । उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बच्चों की मौत को लेकर मचा बवाल अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ था कि अब राजस्थान के आदिवासी जिले बांसवाड़ा के सरकारी अस्पताल में 56 दिनों में 82 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है ।
गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पूरी तरह से पोषाहार नहीं मिलने से उनके बच्चे अत्यधिक कमजोर पैदा होते हैं और इनमें से अधिकांश की मौत हो जाती है । बांसवाड़ा जिला मुख्यालय के एमजी अस्पताल में 56 दिनों में 82 बच्चों की मौत पैदा होने के कुछ दिन बाद ही हो गई। इनमें 50 बच्चों की मौत जुलाई माह और अगस्त माह की 25 तारीख तक 32 बच्चों की मौत हुईं । मौत के शिकार बच्चों में से कुछ की तो पैदा होते ही मौत हो गई और कुछ की 15 से 20 दिन के भीतर मौत हुई ।
राज्य के अत्यंत आदिवासी जिले की महिलाओं में बढ़ रहे कुपोषण और बच्चों की बढ़ती मौत को लेकर अब तक ना तो जिला प्रशासन हरकत में आया और ना ही चिकित्सा विभाग ने कोई कदम उठाए । इस बारे में बात करने पर राज्य के चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने दैनिक जागरण को बताया कि मै मामले को दिखवाता हूं, बच्चाें की मौतों का मामला मेरी जानकारी में नहीं है ।
राज्य के आदिवासी क्षेत्र में काम करने वाले स्वयं सेवी संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि इस इलाके की महिलाओं को गर्भ के दौरान केल्शियम,आयरन एवं अन्य स्वास्थ्यवर्धक गोलियां नहीं मिल पाती है,ऐसे में कैल्शियम की कमी होने पर महिलाएं मिट्टी का सेवन करती है । इससे उनके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, इनसे होने वाले बच्चों में भी कीड़े पड़ जाते हैं,बच्चे बीमार एवं कमजोर पैदा होते है ।
आदिवासी क्षेत्रों में आशा सहयोगिनियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ ही स्वास्थ विभाग की ओर से एएनएम के मध्यम से गर्भवती महिलाओं की सही देखभाल नहीं हो पाती है। इससे गर्भवर्ती महिलाओं में हिमोग्लोबीन सही पता नहीं चल पाता है ।