सरहद की निगहबानी के लिए तैयार 425 जांबाज

देहरादून। कमांडेंट परेड में कदम-कदम बढ़ाए जा खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की गीत पर जब जेंटलमैन कैडेट्स ने कदम से कदम मिलाकर ड्रिल स्क्वायर पर परेड की तो उनका जोश और जज्बा देखते की बन रहा था। परेड में उन्होंने पग भरा तो हेलीकॉप्टरों से उन पर पुष्प वर्षा की गई। आईएमए कमांडेंट ले. जनरल हरेंद्र सिंह ने परेड की सलामी ली और भावी अफसरों में जोश भरा। सरहद की निगहबानी के लिए 425 जांबाज तैयार हैं। गुरुवार को इन जांबाजों ने एतिहासिक चेटवुड बिल्डिंग के सामने कमांडेंट परेड में आईएमए की धुन पर शानदार प्रदर्शन किया। आईएमए में प्रशिक्षण के दौरान कड़ी मेहनत करने वाले 341 जेंटलमैन कैडेट शनिवार को भारतीय सेना का अभिन्न अंग बन जाएंगे। जबकि, मित्र देशों के 84 कैडेट भी अपने-अपने देश की सेना का हिस्सा बनेंगे। कमांडेंट ले. जनरल हरेंद्र सिंह ने कहा कि अब सेना की प्रतिष्ठा और मान-सम्मान उनके कंधों पर है। सभी अपनी मेहनत के बूते यह सम्मान हासिल करेंगे। कहा कि युवा अफसर सेना के मूल सिद्धांत चरित्र, सामर्थ्य, प्रतिबद्धता, और करुणा को बनाए रखें। कमांडेंट ले. जनरल ने भावी अफसरों को सैन्य जीवन में आने वाली विभिन्न चुनौतियों के बारे में जानकारी दी। कहा कि देश की उम्मीदें अब उन पर टिकी हुई हैं, उन्हें हर चुनौती का सामना पूरी हिम्मत और लगन से करना होगा। देश के मान-सम्मान पर आंच न आए यह आपकी पहली जिम्मेदारी है। पीओपी में सर्वश्रेष्ठ देने को प्रोत्साहित किया: कमांडेंट ले. जनरल हरेंद्र सिंह ने नौ मित्र देशों के 84 जेंटलमैन कैडेट्स की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आईएमए में आपके द्वारा विकसित किए गए एकजुटता के मजबूत बंधन को बढ़ावा मिलेगा, जो हमारे राष्ट्रों के बीच राजनयिक और सैन्य संबंधों को मजबूत और जीवंत बनाए रखेगा। आपको हमेशा प्रयास करना चाहिए कि आप जो कुछ भी करते हैं, उसमें महानता हासिल करें। उन्होंने कैडेटों को अंतिम पीओपी में सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रोत्साहित किया।

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