बिहार के 8 जिलों की 3 लाख आबादी बाढ़ की चपेट में
नई दिल्ली। बाढ़ की चपेट में बिहार के 8 जिले आ गए हैं। प्रभावित जिलों में सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण शामिल है। इन आठों जिलों के 37 प्रखंड के 153 पंचायत बाढ़ की चपेट में है।आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार लगभग तीन लाख (2.92 लाख) लोग अभी बाढ़ की चपेट में है जिसमें सबसे अधिक दरभंगा के 1 लाख 58 हजार तो किशनगंज के सबसे कम मात्र 290 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सरकार ने प्रभावितों की सहायता के लिए 7 राहत शिविर खोले हैं जिसमें सुपौल में दो दरभंगा में दो और गोपालगंज में तीन है। इन राहत शिविरों में 2306 लोग रह रहे हैं। जबकि प्रभावितों के लिए जिला प्रशासन की ओर से सामुदायिक रसोईघर का भी संचालन शुरू कर दिया गया है। शनिवार को 8 जिले में कुल 27 सामुदायिक रसोईघर का संचालन हुआ जिसमें 20 हजार 876 लोगों को खाना खिलाया गया। आपदा प्रबंधन विभाग ने कोरोना काल में जिला प्रशासन को पहले ही निर्देश दे रखा है कि लोगों की सुरक्षा का हर हाल में पालन किया जाये। कॉम्युनिटी किचन में पूरी सतर्कता बरतें और बच्चों व वृद्धों को कोरोना से बचाने के लिए सोशल डिस्र्टेंंसग अनिवार्य रूप से मेंटेन करें। इसी तरह राहत शिविरों में रह रहे लोगों को मास्क और सोशल डिस्र्टेंंसग का अनिवार्य रूप से पालन करने को कहा गया है ताकि बाढ़ में घिरे लोगों के बीच कोरोना वायरस का फैलाव ना हो। वहीं दूसरी ओर उत्तर बिहार में नदियों के पानी में उतार-चढ़ाव के बीच बाढ़-कटाव के संकट से तबाही का दौर जारी है। शनिवार को सीतामढ़ी में एप्रोच पथ तो मधुबनी में पुलिया ध्वस्त हो गई है। मुजफ्फरपुर के अहियापुर थाने में पानी घुस गया। सीतामढ़ी में डूबने से दो की मौत हो गई। गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती का रुख अलग-अलग हिस्सों में कहीं नरम तो कहीं गरम है। मनुषमारा, लखनदेई और अधवारा समूह की नदियां भी खूब तेवर दिखा रहीं हैं।मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक के उफानाने से शहर के निचले इलाकों पर पानी का दबाव बढ़ गया है। जीरोमाइल स्थित अहियापुर थाने में भी बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। नदी का पानी तेजी से बढ़ने के कारण निचले इलाके के मोहल्ले तेजी से खाली हो रहे हैं। लखनदेई और मनुषमारा का पानी औराई और कटरा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फिर तेजी फैल रहा है।