राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरु हुआ उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र
देहरादून,। उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के अभिभाषण के साथ शुरु हुआ। इस दौरान सदन की कार्यवाही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित विधानसभा के तमाम सदस्य मौजूद रहे।
बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। राज्यपाल के अभिाषण के पश्चात विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने राज्यपाल के अभिभाषण का पाठ किया। उसके बाद विधानसभा की कार्यवाही बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बजट सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग की है। अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड, देश का पहला राज्य है। इसमें प्रमुख रूप से महिला हितों की रक्षा की गई है।
दंगा विरोधी कानून पर राज्यपाल ने कहा दंगा करने वालों से प्रभावित संपत्ति की वसूली होगी। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों की तारीफ की। अभिभाषण में अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंड सम्मेलन, विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं अंतरराष्ट्रीय एक्सपो, आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण का जिक्र भी किया।
विपक्ष के विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा किया। वे सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। सदन में सरकार की उपलब्धियों पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेजें थपथपाई। कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच जमकर बहस हुई। धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने सत्र अवधि को लेकर सवाल खड़े किए हैं। हरीश धामी का कहना है कि जब तक विधायक को अपनी बात रखने का मौका नहीं मिलेगा तो सत्र में उनकी भूमिका निष्क्रिय रहेगी, इसलिए समय अवधि को बढ़ाना चाहिए और जो भी जनहित के मुद्दे हैं उसे पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा होनी चाहिए। इसलिए सरकार को सत्र की अवधि को बढ़ाकर सभी विषयों पर पूर्ण चर्चा करनी चाहिए।