राजभवन में मधुमक्खी पालन का सफल प्रयोग
देहरादून, संवाददाता। राजभवन में शहद उत्पादन का सफल प्रयोग किया गया है। इस वर्ष फरवरी माह में आयोजित बसंतोत्सव के समय राज्यपाल डॉ. कृष्ण कांत पाल के निर्देश पर राजभवन में प्रायोगिक तौर पर शहद उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया गया। राजभवन में बसंत उत्सव में 34 प्रजाति के पुष्प लगाए गए थे। बसंतोत्सव की जनसाधारण द्वारा व्यापक सराहना की गई थी। राज्यपाल डॉ. पाल ने राजभवन परिसर में खिले फूलों से शहद प्राप्ति के लिए मधुमक्खी पालन के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में चार बॉक्स लगाए गए थे। लगभग एक माह के बाद इनमें से दो बाक्स से लगभग 15 किलोग्राम शहद निकाला गया है। शनिवार को राज्यपाल की उपस्थिति में मधुमक्खी के बॉक्स से शहद निकाला गया। राजभवन के उद्यान अधिकारी दीपक पुरोहित व सहायक विकास अधिकारी उद्यान एन.एस. बिष्ट ने राज्यपाल को शहद निकालने की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में काश्तकारों की आय वृद्धि के लिए राज्यपाल डॉ. पाल द्वारा खेती के साथ ही एरोमेटिक पौधों, उच्च मूल्यों वाले फूलों व जैविक सब्जियों की खेती पर बल दिया जाता रहा है। प्रदेश के किसानों को प्रेरणा मिल सके, इसके लिए उनकी पहल पर राजभवन में ट्यूलिप व अन्य पुष्प, सगंध पौधों को लगाने का सफल प्रयोग किया गया। इसी कड़ी में मधुमक्खी पालन का भी छोटे स्तर पर प्रयोग किया गया। बहुत ही कम लागत में इसका परिणाम उत्साहवर्धक रहा है। शहद निकालने के बाद इन बॉक्स में मधुमक्खियों से दुबारा शहद प्राप्ति की जा सकती है।