राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गरम, कई मंत्रियों का हो सकता है पत्ता साफ
देहरादून, । एक बार फिर उत्तराखंड कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं ने तूल पकड लिया है। साथ ही मंत्रिमंडल में फेर बदल की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में तेजी से आम हो रही है। चर्चाएं ऐसी भी है कि मंत्रियों के विभागों में फेरबदल के साथ-साथ कुछ मंत्रियों को मंत्रीमंडल से बाहर का रास्ता भी दिखाया जा सकता है। जिससे मंत्रियों व विधायकों में हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है।
बीते रोज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दून से जाते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी दिल्ली रवाना हो गए। उनके दिल्ली जाने के बाद कैबिनेट में बड़े बदलाव की संभावनाओं पर चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया। धामी का तुरंत ही दिल्ली जाना और प्रेमचंद अग्रवाल जिनके द्वारा विधानसभा में दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद उन्हें पीएम मोदी के दौरे से दूर रखें जाने के कारण यह चर्चाएं तेज हो गई है। उल्लेखनीय है कि प्रेमचंद अग्रवाल के उस बयान को लेकर अभी तक विरोध प्रदर्शनों का क्रम जारी है तथा उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की जा रही है।
उत्तराखंड कैबिनेट में तीन मंत्रियों के पद नई सरकार के गठन के समय से ही खाली पड़े हैं जबकि एक पद परिवहन मंत्री चंदन रामदास के निधन के बाद खाली हुआ था। इन चार खाली पड़े मंत्रियों के पदों को भरने की मांग भी लंबे समय से हो रही है लेकिन प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर हुए बवाल के बाद उन्हें भी हटाने की चर्चाएं शुरू हो गई है। सूत्रों के अनुसार तीन से चार मंत्रियों को भी कैबिनेट से हटाया जा सकता है ऐसी स्थिति में सरकार 6-7 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की स्थिति में होगी। कई मंत्री अपने आप को हटाए जाने की संभावनाओं के मद्देनजर दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। किसे-किसे मंत्री पद से हटाया जाएगा और किसे-किसे नए मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी यह तो होली के बाद ही साफ हो सकेगा लेकिन माना जा रहा है कि धामी के नए मंत्रिमंडल में आधे चेहरे नये दिखाई देंगे। उधर मंत्री अपना पद बचाने और विधायक मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के लिए अपनी-अपनी बिसात बिछाने में जुट गए हैं। चर्चा है कि इस फेरबदल में दो नए और युवा चेहरों को गढ़वाल मंडल व दो को कुमाऊँ मंडल से मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। इस फेरबदल की चर्चा में स्पीकर से लेकर प्रेमचंद अग्रवाल के नाम भी चर्चाओं के केंद्र में है।