मुख्यमंत्री धामी ने उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध मां पूर्णागिरि मेले का किया शुभारंभ
देहरादून,। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को ठूलीगाड़, टनकपुर (चम्पावत) में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तर भारत के प्रसिद्ध माँ पूर्णागिरि मेला-2025 का शुभारंभ किया। उन्होंने मां पूर्णागिरी को नमन करते हुए प्रदेश में समृद्धि, तरक्की और शांति की कामना की।
मुख्यमंत्री ने इस दौरान संपूर्ण पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में भीड़ व आपदा प्रबंधन की दृष्टि से स्मार्ट कंट्रोल रूम व सीसीटीवी निगरानी तंत्र ठुलीगाड़ में स्थापित किए जाने। पूर्णागिरि मेले हेतु सेलागाढ़ में बहुउद्देशीय प्रशासनिक भवन बनाए जाने (जिसमें मेला मजिस्ट्रेट, मेला अधिकारी व पुलिस के साथ ही चिकित्सकों को एक साथ एक स्थान पर कार्य करने की सुविधा मिलेगी)। पूर्णागिरि क्षेत्र में लादीगाड़ में पूर्णागिरि पंपिंग पेयजल योजना बनाई जाने एवं पूर्णागिरि क्षेत्र में ठुलीगाड़, बाबलीगाड़ पंपिंग परियोजना बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा इन घोषणाओं के माध्यम में इस क्षेत्र में विकास की यात्रा को आगे बढ़ाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की भूमि को देवी-देवताओं का भूमि बताते हुए कहा कि प्रदेश के कण-कण में दिव्यता समाई हुई है। उन्होंने कहा माँ पूर्णागिरि धाम, उत्तराखंड का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है। उन्होंने कहा वो हमेशा अन्य लोगों को भी धार्मिक यात्रा के लिए माँ पूर्णागिरि आने हेतु आग्रह करते हैं। कुंभ और कांवड़ यात्रा के बाद सबसे अधिक श्रद्धालु माँ पूर्णागिरि के धाम पर आते हैं। उन्होंने कहा राज्य सरकार मेले को वर्षभर संचालित करने के लिए संकल्पित है। जिसके लिए पूर्णागिरि धाम में स्थायी बुनियादी ढांचों का विकास किया जा रहा है। आगामी वर्षों में यह स्थान और भव्य एवं सुव्यवस्थित रूप लेगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएँ मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से चम्पावत के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करने का आग्रह करते हुए कहा कि हमने भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा रखने के साथ यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव भी लेना चाहिए। राज्य सरकार माँ पूर्णागिरि धाम के विकास के लिए सतत प्रयासरत है और आने वाले समय में इसे एक विशाल आध्यात्मिक एवं पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करेगी। चम्पावत में 11 से बढ़ाकर 13 मल्टी-लेवल पार्किंग को स्वीकृति दी गई है, जिससे यातायात प्रबंधन सुगम होगा।टनकपुर में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से आईएसबीटी को विकसित किया जा रहा है।मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊँ के प्रमुख मंदिरों का सौंदर्यीकरण और उनके रास्तों का चौड़ीकरण कराया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में अधिक सुविधा मिलेगी।