मल्टीप्लेक्स और एयरपोर्ट में पैक्ड फूड पर नहीं वसूला जाएगा ज्यादा चार्ज, नए साल से नहीं चलेगा डबल MRP
नई दिल्ली: अक्सर यह देखने में आया है कि लोग परिवार के साथ मूवी देखने इसलिए नहीं जा पाते क्योंकि, वहां बाहर 12 रुपये में मिलने वाली कोल्ड ड्रिक्स के 80 से 100 रुपये वसूले जाते हैं. आप यह भी कह सकते हैं कि सिनेमा हॉल में कुछ खाना या नहीं खाना ये आप की मर्जी पर है, सिनेमा वाले सामान खरीदने पर कोई दबाव नहीं डालते. मगर बच्चों को महंगे या सस्ते से कोई वास्ता नहीं होता, वे तो चीज देखकर बस खरीदने की जिद कर बैठते हैं.
थोड़ा सब्र करें, अगले साल यानी पहली जनवरी से आपको सिनेमा हॉल के अंदर मन मारकर मूवी नहीं देखनी होगी. क्योंकि सरकार ने डबल एमआरपी पर पहली जनवरी से रोक लगाने की घोषणा की है. यानी जो चीज सिनेमा हॉल के बाहर जिस मूल्य पर बिक रही है, उसका वही मूल्य सिनेमा हॉल के अंदर भी होगा.
इस नियम के दायरे में सिनेमा हॉल, मॉल और हवाई अड्डे आएंगे, क्योंकि इन जगहों पर वस्तुओं का अंकित मूल्य (एमआरपी यानी न्यूनतम खुदरा मूल्य ) अलग ही होता है. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने विधिक माप विज्ञान (पैकेड सामान) नियम-2011 के नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी है. ये नियम एक जनवरी, 2018 से लागू होंगे.
नए नियमों के मुताबिक ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर विक्रेता द्वारा दिखाई जाने वाली वस्तुओं पर निर्माता, पैकर और आयातक का नाम और पता, वस्तु का नाम, शुद्ध घटक, खुदरा बिक्री मूल्य, उपभोक्ता देखरेख शिकायत और आयाम आदि का लेखा-जोखा होना चाहिए.
नियमों में विशेष उल्लेख किया गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी सामग्री पर विभिन्न अधिकतम खुदरा मूल्य (दोहरे एमआरपी) की घोषणा नहीं करेगा, जब तक कि नियमों के तहत इसकी अनुमति न हो. यानी अब सिनेमा हॉल, हवाई अड्डों और मॉल आदि जैसे सार्वजनिक स्थलों पर वस्तुओं पर दोहरे खुदरा मूल्यों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा.
रामविलास पासवान ने कहा कि इन नए नियमों का मकसद उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा को और अधिक बढ़ाना है. मेडिकल क्षेत्र के कुछ उपकरणों को दवा की श्रेणी में शामिल किया है जैसे-स्टेंट, वाल्व, ऑर्थोपेडिक इम्प्लांट्स, सिरिंज, ऑपरेशन के उपकरण आदि. अब इन की पैकिंग पर कीमत का उल्लेख किया जाएगा. इन चीजों पर कीमत नहीं होने के कारण इन उपकरणों की कीमत मरीज की हैसीयत देखकर वसूली जाती रही है.
इनके अलावा वस्तुओं पर अंकित सूचना के अक्षरों और अंकों का आकार बढ़ाया जाएगा ताकि उपभोक्ता उन्हें आसानी से पढ़ सकें.