बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश का विरोध, जनता मांग रही है तीन वरदान
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की निश्चय यात्रा के सातवें चरण की शुरुआत 12 जनवरी से खगड़िया से प्रारम्भ होगी। जिला प्रशासन के द्वारा मुख्यमंत्री निश्चय यात्रा की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है। वहीं, खगड़िया में मुख्यमंत्री के विरोध का स्वर गूंजने लगा है। एक तरफ सड़क की मांग है तो दूसरी तरफ नियोजित शिक्षकों द्वारा सातवें वेतनमान का लाभ नहीं देने की बात है। ये भी पढ़ें: बिहार: पीएम मोदी से गुफ्तगू के बाद बीजेपी के कितने करीब गए नीतीश कुमार?
जिस तरह से सड़क की मांग को लेकर शहर के चौक-चौराहों पर पोस्टर चस्पा किये गये हैं। ठीक वैसा ही विरोध करने की नीति के तहत नियोजित शिक्षकों के द्वारा सीएम का पुतला दहन से लेकर मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपने की मांग शिक्षक नेता कर रहे हैं। यह तमाम कवायद फिर से एक बार बीते वर्ष 2012 में अधिकार यात्रा के उस भयावह मंजर की याद ताज़ा करती है। जब एक तरफ पूरा खगड़िया जल रहा था तो दूसरी तरफ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार को तीन घंटे तक परिसदन में कैद होकर रहना पड़ गया था।
खगड़िया-वासियों की सड़क की बहु-प्रतिक्षित मांग के चलते मुखर स्वर और नियोजित शिक्षकों की सातवें वेतमान की जद्दोजहद भरी उम्मीद से तो ऐसा लगता है कि अधिकार यात्रा जैसे हालात न बन जाए। विदित हो कि उस दौरान मुख्यमंत्री के काफिले पर पथराव किया गया था जिसमें मुख्यमंत्री की जान पर बन आई थी। 2012 में हुए हादसे की तरह पुनः एक बार फिर खगड़िया की फ़िज़ा में सीएम नीतीश के सियासी विरोध की रुपरेखा बनती दिखने लगी है।
बता दें कि निश्चय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 12 जनवरी को खगड़िया आ रहे हैं। हर घर, नल से लेकर शौचालय और चुनाव पूर्व किये गए जनता से सात वादों पर जिले में किए जा रहे कार्य की समीक्षा करेंगे और चेतना सभा को भी संबोधित करेंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन लगातार जुटा हुआ है। वहीं मुख्यमंत्री के विरोध का स्वर लगातार बुलंद होने लगा है।
वहीं, खगड़िया की आबोहवा में मुख्यमंत्री के विरोध की बयार लगातार जोर पकड़ रही है। आमजन से लेकर स्थानीय सत्तारूढ़ दल के जनप्रतिनिधियों के हाथ पांव फूलने लगे हैं। वहीं, जिला प्रशासन भी लगातार सशंकित हो कर विशेष तैयारी में जुटा हुआ है। इधर विरोधी गुट अपनी-अपनी मांग को लेकर संगठित हो गया है। वहीं, सोनवर्षा सतीशनगर सड़क की मांग को लेकर पहले से ही आंदोलन लगातार जारी है। तो दूसरी तरफ नियोजित शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ नहीं देने की बात ने तो माहौल को और बिगाड़ दिया है।
जिस तरह से अलग-अलग संगठन व सियासी दल विभिन्न मांगो को लेकर एक साथ मिलकर विरोध का स्वर अलापते हुए एकजुट हो रहे हैं। जिला प्रशासन के लिए सीएम की निश्चय यात्रा और चेतना सभा को बिना किसी अवरोध के संपन्न करना मुश्किल होता दिख रहा है। वहीं, इन तमाम मसलों के चलते डीएम खगड़िया कुछ भी कहने से इनकार कर रहे हैं। वहीं, जिला प्रशासन की विशेष सतर्कता मामले की गंभीरता की तरफ इशारा कर रही है। ये भी पढ़ें:पीएम से बढ़ती नजदीकी के नीतीश ने दिए संकेत, मोदी के खिलाफ रैली से किया किनारा
Source: hindi.oneindia.com