बजट आंवटन से वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों को एक नई गति मिली : मनवीर सिंह चौहान
देहरादून, । भाजपा ने कहा कि सीएम धामी के कमान संभालने के बाद वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण हो गया है और 24 घंटे मे अभी तक कोई भी सूचना अग्निकांड की नही है। लापरवाही मे जितने अधिकारियों और कर्मियों पर कार्यवाही हुई है वह पूरी तरह से जांच के बाद की गयी है। आगे भी यदि कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ भी कार्यवाही की जायेगी। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि अग्नि नियंत्रण अभियान मे लापरवाही पर जो कार्यवाही की गयी है वह सही और जांच के बाद ही हुई है। हालांकि वनाग्नि रोकने के लिए अधिकारियों की भी जवाबदेही तय की गयी है और सचिव भी जवाबदेह बनाये गये हैं। भविष्य मे वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी निर्णय भी लिए गए हैं जिसमे पिरूल प्रति किलो 50 रूपये तथा का कारपस फंड बना5 करोड़ या गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में वनाग्नि से 0.1 प्रतिशत वन प्रभावित हुए है तथा इस सम्बन्ध में गलत आंकड़ों के जरिये दुष्प्रचार भी किया जा रहा है। शासन-प्रशासन द्वारा अपनी पूरी ताकत वनाग्नि नियंत्रण में झोंक दी गई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा वनाग्नि नियंत्रण के सम्बन्ध में निरन्तर समीक्षा व मॉनिटरिंग बैठक की जा रही हैं। मुख्य सचिव द्वारा भी लगातार मॉनिटरिंग बैठकों के साथ स्थिति पर सीधी निगरानी रखी जा रही है। वन विभाग के फील्ड स्टाफ के साथ वनाग्नि मॉनिटरिंग हेतु लगातार बैठकें कर सभी डिवीजनों की जरूरतों के सम्बन्ध में जानकारी ली जा रही है। मुख्यालय स्तर के वरिष्ठतम अधिकारियों को जिलों में फील्ड में उतारा गया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में सक्रिय वन पंचायतों, वनाग्नि प्रबन्धन समितियों, महिला मंगल दलों, युवा मंगल दलों की मदद से वनाग्नि नियंत्रण में सफलता मिली है। वनाग्नि नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सामुदायिक संस्थाओं व फील्ड अधिकारियों को प्रोत्साहन, पुरस्कार व तत्काल बजट आंवटन से वनाग्नि नियंत्रण के प्रयासों को एक नई गति मिली। एनडीआरएफ भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर एमआई 17 भी जुटे हैं। चौहान ने कहा कि पूर्व मे भी वनाग्नि की घटनाएं हुई है, लेकिन सरकार ने इसे भी आपदा घोषित कर समय पर सभी उपाय किये जिससे वनाग्नि पर नियंत्रण संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि ऐसे मौके पर राजनीति के बजाय सामूहिक सहभागिता से कार्य करने की जरूरत है।