बच्चे समाज का सूद, मजबूत भविष्य के लिए बच्चों का स्वस्थ्य रहना है आवश्यकः डीएम

देहरादून, । जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में बुधवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री पांेषण शक्ति निर्माण योजना की समीक्षा को लेकर जनपद स्तरीय क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। जिसमें पीएम पोषण योजना की प्रगति, विद्यालयों में मघ्याह्न भोजन की गुणवत्ता, अतिरिक्त सप्लीमेन्ट्री न्यूट्रीशन और बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक ग्रोथ से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गंभीरता से चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। सरकारी स्कूलों की शिक्षा, स्वास्थ्य, सुविधा पर मा0 मुख्यमंत्री का विशेष फोकस है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि बच्चे समाज का सूद है। मजबूत भविष्य के लिए बच्चों का स्वस्थ्य रहना आवश्यक है। सभी स्कूलों में मुझे चाहिए मघ्याह्न भोजन की प्रोपर किचन चाहिए। जिले के 125 किचन विहीन विद्यालयों के तथ्य पर डीएम ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने शिक्षा विभाग को मौके पर ही अनटाइड फंड से किए 01 करोड़ जारी किए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि खाना पकाने के सभी बर्तन हो लोहे के हो, स्कूल किचन में एल्यूमीनियम के सभी बर्तन को तत्काल रिजेक्ट करें। राज्य में प्रथम बार हो रहा है जब अधिक छात्र संख्या वाले 50 स्कूलों में जिला प्रशासन ने की एक लोकल महिला की अतिरिक्त व्यवस्था की है, यह अतिरिक्त महिला भोजन माता की सहायक रहेगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए है कि निर्धारित दर पर लोकल महिला की तैनाती की जाए। इसके लिए  जिला प्लान से बजट दिया जाएगा। जिला प्रशासन देहरादून की यह एक और अभिनव पहल है। इससे लोकल महिला को रोजगार भी मिलेगा। इसके अलावा जिलाधिकारी ने जीर्णशीर्ण 695 विद्यालयों के किचन मरम्मत को भी जिला प्लान में किया शामिल करने के निर्देश दिए। हिदायत दी कि स्कूल में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता एवं पोषण तत्वों का विशेष ध्यान रखा जाए। कहा कि बच्चों को सुरक्षित, पौष्टिक और सम्पूर्ण आहार उपलब्ध कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है।
जिलाधिकारी ने स्कूल में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। कहा कि बच्चों के मध्याह्न भोजन में प्रोटीन, कैलोरी, विटामिन एवं अन्य पोषक तत्व के साथ भोजन को स्वच्छ तरीके से तैयार और परोसा जाए। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि मध्याह्न भोजन के लिए एल्यूमीनियम बर्तन के स्थान पर आयरन और स्टील के बर्तन उपयोग में लाए जाए। आयरन और स्टील बर्तन खरीद के लिए स्कूल ग्रांट का उपयोग करें। इसके बावजूद भी अतिरिक्त फंड की आवश्यक पडती तो प्रोजेक्ट उत्कर्ष से बजट उपलब्ध कराया जाएगा।

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