प्रकृति का अनुपम सौंदर्य रानीखेत
रानीखेत को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है। प्रकृति का अनुपम सौंदर्य रानीखेत के कण−कण में बिखरा पड़ा है। यहां पर दूर−दूर तक फैली घाटियां, घने जंगल तथा फूलों से ढके रास्ते व ठंडी मस्त हवा पर्यटकों का मन बरबस ही मोह लेती है। रानीखेत की खास बात यह है कि यहां पर लोगों का कोलाहल व भीड़भाड़ बहुत कम है। यकीन जानिए यहां पहुंचने के बाद पर्यटक स्वयं को प्रकृति के निकट पाता है।अंग्रेजों के शासन के दौरान अंग्रेजी फौज की छावनी रहे इस क्षेत्र में कुमाऊं रेजीमेंट का मुख्यालय भी है। छावनी क्षेत्र होने के कारण एक तो यहां वैसे ही साफ−सफाई रहती है दूसरे यहां पर प्रदूषण की मात्रा भी अन्य जगहों की अपेक्षा बहुत कम है। चलिए सबसे पहले आपको लिए चलते हैं चौबटिया। चौबटिया में बहुत ही सुंदर बाग-बगीचे हैं। यहां पर स्थित सरकारी उद्यान व फल अनुसंधान केंद्र भी देखने योग्य हैं। यहां पर पास में ही एक जल प्रपात है, जिसके ऊंचाई से गिरते संगमरमर जैसे पानी का दृश्य आपका मन मोह लेगा। द्वाराहाट रानीखेत से लगभग 32 किमी की दूरी पर स्थित है। द्वाराहाट पुरातात्विक दृष्टि से भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है। कभी कत्यूरी वंश के शासकों की राजधानी रहे इस स्थल पर पूरे 65 मंदिर हैं जोकि तत्कालीन कला के बेजोड़ नमूने के रूप में विख्यात हैं। बदरीकेदार मंदिर, गूजरदेव का कलात्मक मंदिर, पाषाण मंदिर और बावडि़यां पर्यटकों को अपने अतीत की गाथा सुनाते हुए लगते हैं। यहां स्थित मंदिरों में से विमांडेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर एवं कुबेर की विशालकाय मूर्ति देखना न भूलें।