पाक सेना का दावा: अधिकारियों से तंग होकर पाक सीमा में पहुंचा था चंदू चव्हाण
नई दिल्ली। चार महीने तक पकिस्तान की कैद में रहने वाले भारतीय सैनिक चंदू चव्हाण के बारे में कुछ इस तरह की बातें सामने आ रही हैं जिनको देखते हुए कहा जा सकता है कि चंदू जानबूझकर सीमा पार पाकिस्तान चले गए थे। पाकिस्तानी सेना की ओर से भी ये कहा गया था कि चंदू अपने सीनियर अधिकारी से परेशान होकर पाकिस्तान आ गए थे, वहीं भारतीय सेना के अधिकारियों ने भी चंदू की पाक जाने से पहले सीनियर अधिकारी से झगड़े की बात स्वीकारी है।
सेना की 37वीं राष्ट्रीय राइफल्स का जवान चंदू बीते साल 29 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर से पाक सीमा में चला गए थे। जिस रात भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक का दावा किया, उसके अगले दिन पाक सेना ने चंदू के अपने कब्जे में होने की बात कही। भारत ने 22 वर्षीय चंदू के गलती से सीमापार जाने की बात कहते हुए उसकी रिहाई की मांग पाकिस्तान से की। इसके चार महीने के बाद 21 जनवरी को पकिस्तान ने चंदू को भारतीय सेना को सौंप दिया।
बिगड़ी हुई है चंदू की दिमागी हालत
हिन्दुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, चंदू को वापस सौंपते हुए पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि चंदू ना तो जासूसी के लिए पाक सीमा में आया और ना ही गलती उसने सीमापार की बल्कि अपने आला अफसरों के खराब बर्ताव से से नाराज होकर वह पाक की सीमा में चला आया और वहां पाक सेना ने उसे पकड़ लिया। शुरुआती जांच के बाद भारतीय सेना के सीनियर अधिकारी ने भी ये माना कि ड्यूटी पर तैनाती के मसले को लेकर चंदू की अपने सीनियर अधिकारी से बहस के बाद वो चौकी छोड़कर चला गया था, जिसके बाद वो गायब हो गया था। बाद में पता चला कि वो पाकिस्तान में है। ऐसे में मुमकिन है कि उसे ये मालूम हो कि वो पाक सीमा में जा रहा है, यानि वो गलती से पाक सीमा में ना गया हो।
सेना के सूत्रों के मुताबिक, चंदू की दिमागी हालत अभी ठीक नहीं है और उसका इलाज चल रहा है। चंदू के बदन पर चोटों के निशान नहीं हैं, जिससे जाहिर है कि उसके साथ जिस्मानी तौर पर कोई मारपीट नहीं की गई। लेकिन लंबे वक्त तक पाक की कैद में रहने और पूछताछ की वजह से उसकी मनोदशा बिगड़ी हुई है। अभी तक उसके बयान नहीं लिए जा सके हैं।
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Source: hindi.oneindia.com