पाकिस्तान को जवाब देने के लिए राजीव गांधी सरकार में 36 वैज्ञानिक कर रहे थे हाइड्रोजन बम तैयार
नई दिल्ली। पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम का जवाब देने के लिए राजीव गांधी सरकार ने हाइड्रोजन बम तैयार कर रही थी। वर्ष 1985 में दोनों देशों के बीच में जारी तनाव के बीच ऐसा हुआ था। इस बात की जानकारी अमेरिकी खुफिया एजेंसी की तरफ जारी किए गए खुफिया दस्तावेजों में सामने आई है। दस्तावेजों से पता चला है कि उस समय भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिए तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन प्रशासन ने पहल की थी।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की तरफ से करीब 1.2 करोड पेज के 9.30 लाख गोपनीय दस्तावेजों को पब्लिक जोन में रख दिया गया है। इन दस्तावेजों में भारत की उस चिंता को दिखाया गया है जिसमें वर्ष 1980 के बाद पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से निपटने के लिए भारत हाइड्रोजन बम को तैयार करने जा रहा था।
इस दस्तावेज में कहा गया है कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी के मुताबिक दिल्ली के परमाणु कार्यक्रम को लेकर जानकारी जुटाना बहुत ज्यादा कठिन था क्योंकि वहां पर सुरक्षा व्यवस्था बहुत ज्यादा टाइट थी।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की तरफ से जारी किए गए दस्तावेजों के मुताबिक राजीव गांधी सरकार 11 साल पहले किए गए परमाणु परीक्षण से कई गुना अधिक क्षमता वाला हाइड्रोजन बम तैयार कर रही थी। जिस समय भारत इस बम पर काम कर रहा था, उस समय भारत वैसे भी पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से बहुत आगे था। सामने आए दस्तावेज में यह बात भी सामने आई है कि पहले तो राजीव गांधी परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ थे। पर जब उन्हें पता चला कि पाकिस्तान परमाणु कार्यक्रम को विस्तार दे रहा है तो उन्होंने इसका जवाब देने के लिए हाइड्रोजन बम पर काम करना शुरु किया था। खुफिया एजेंसी ने बताया कि 36 वैज्ञानिकों की एक टीम मुंबई के पास भाभा एटॉमिक सेंटर में हाइड्रोजन बम पर काम कर रही थी।
Source: hindi.oneindia.com