पहाड़ का होगा विकास: सीएम
देहरादून ;इं.वा. संवाददाता। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य में आईटी की इकाइयों को आकर्षित करने के लिए क्लस्टर एप्रोच अपनाने के निर्देश दिए हैं। आईटी से अछूते रह गए पर्वतीय क्षेत्रों में इकाइयां स्थापित करने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएं। आईटी, संचार व इलेक्ट्रोनिक्स कम्पनियों को प्रेरित किया जाए कि वे ग्रामीण युवाओं को ट्रेनिंग देकर अपने प्रोडक्ट उनसे बनवाएं। राज्य में घरेलू व अंतर्राष्ट्रीय बाजार की मांग के अनुरूप आईटी में स्किल डेवलपमेंट पर फोकस किया जाए। बुधवार को बीजापुर हाउस में प्रस्तावित इंफोरमेशन, कम्यूनिकेशन टेक्नोलोजी एंड इलेक्ट्रोनिक्स (आईसीटीएंडई) पालिसी के प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री श्री रावत ने उक्त निर्देश दिए। सचिव आईटी दीपक कुमार ने प्रस्तावित आई.सी.टी.एंड.ई पाॅलिसी का प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि वर्ष २०१६-२०२५ की अवधि के लिए इसका ड्राफ्ट तैयार किया गया है। समावेशी विकास के साथ उŸाराखण्ड के आर्थिक विकास के लिए एक साधन के रूप में आई.सी.टी. और ई. का उपयोग करने के लिए नीति बनाई जा रही है। इसका उद्देश्य डिजिटल और नेटवर्क से जुड़ा समाज, रोजगार सृजन, विकास इंजन के रूप में इलेक्ट्रोनिक्स, उŸाराखण्ड को आई.टी., कम्यूनिकेशन व इलेक्ट्रोनिक्स में पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में विकसित करना है। आई.सी.टी.एंड.ई हेतु सूचना प्रौद्योगिकी विभाग नोडल एजेंसी के तौर पर काम करेगा। विभिन्न ई-गर्वनेंस प्रोजेक्टों के लिए एक प्रोजेक्ट माॅनिटरिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। सचिव दीपक कुमार ने बताया कि राज्य में अपनी इकाईयां स्थापित करने के लिए आने वाली कम्पनियों को कई तरह की रियायतें दी जाएंगी। इनमें केपिटल सब्सिडी, केप्टीव इक्वीपमेंट सब्सिडी, स्टाम्प डूयूटी में रियायत, अन्य कर रियायतें, ऋणों पर ब्याज सब्सिडी, एफ्लुऐंट ट्रीटमेंट प्लांट्स सब्सिडी, पेटेंट फाईलिंग सब्सिडी आदि प्रमुख है। दुर्गम व पर्वतीय क्षेत्रों में अघिक रियायतें प्रदान की जाएंगी। इसके लिए राज्य के जिलों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है। च्एज् श्रेणी में पिथौरागढ़, उŸारकाशी, चमोली, चम्पावत, रूद्रप्रयाग, बागेश्वर को लिया गया है। च्बीज् श्रेणी में पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा, देहरादून के पर्वतीय विकासखण्ड (विकासनगर, डोईवाला, सहसपुर व राजपुर को छोड़ते हुए), नैनीताल के सभी पर्वतीय विकासखण्ड(हल्द्वानी व रामनगर को छोड़ते हुए) शामिल किए गए हैं। च्सीज् श्रेणी में देहरादून जिले के रायपुर, सहसपुर, विकासनगर व डोईवाला विकासखण्डों के ६५० मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र, नैनीताल जिले में रामनगर व हल्द्वानी विकासखण्ड शामिल हैं। च्डीज् श्रेणी में हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून व नैनीताल जिले के वे क्षेत्र जो अन्य श्रेणियों में नहीं लिए गए हैं, शामिल किए गए हैं। श्री कुमार ने जानकारी दी कि पालिसी में किए जा रहे प्राविधानों के अनुसार राज्य के प्रत्येक विभाग को आईटी संबंधी गतिविधियों के लिए २ प्रतिशत बजट का प्राविधान रखना होगा। पर्वतीय क्षत्रों में आई.सी.टी.एंड.ई. के लिए सिडकुल विभिन्न क्लस्टर चिन्हित करेगा। राज्य में तीन इलेक्ट्रोनिक मेनुफेक्चरिंग क्लस्टर(ईएमसी) स्थापित की जाएंगी।