पत्थरबाजी की वजह से घाटी में खतरनाक आतंकी अबु दुजाना समेत 25 आतंकी भागने में कामयाब
श्रीनगर। घाटी में इन दिनों इंडियन आर्मी को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर आतंकियों के साथ एनकाउंटर के समय ही सेना पर पत्थरबाजों की एक पूरी टीम भी पत्थरों के साथ हमला बोल देती है। यह नजारा अब कश्मीर में किसी भी एनकाउंटर में काफी आम है।
दुजाना को भी मिला फायदा
इंडियन आर्मी की ओर से लोगों से अपील भी की गई है कि वे एनकाउंटर वाली साइट से दूर रहें लेकिन कोई भी इसे सुनने को तैयार नहीं है। कई बार एनकाउंटर में पत्थरबाजी की वजह से आतंकियों को भागने में मदद भी मिलती है। आंकड़ों के मुताबिक एनकाउंटर के समय होने वाली पत्थरबाजी की वजह से अब तक करीब 25 आतंकवादी भागने में कामयाब हो गए हैं। अबु दुजाना जो घाटी में सबसे खतरनाक आतंकवादी है, वह भी पत्थरबाजी की वजह से भाग गया है। सेनाओं ने दुजाना को घेर लिया था लेकिन विरोध प्रदर्शन और पत्थरबाजी की वजह से वह भागने में कामयाब हो गया। इंडियन आर्मी के चीफ जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि नागरिकों की ओर से होने वाले हस्तक्षेप की वजह से कई आतंकवादी भाग निकले हैं। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर यह रवैया जारी रहा तो फिर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस माह की शुरुआत में कुलगाम के फ्रिसाल में जब एनकाउंटर चल रहा था तो उस समय भी तीन आतंकवादी एस समय भाग निकलने में कामयाब रहे जब एनकाउंटर वाली जगह पर महिलाओं और बच्चों की भारी भीड़ जमा हो गई थी।
पुलिस ने बुलाया बातचीत के लिए
इसी तरह से बालापुर में जारी एनकाउंटर के समय करीब 500 नागरिकों ने एनकाउंटर साइट को घेर लियाा था। यहां पर एनकाउंटर के समय पत्थर भी फेंके गए और इसका नतीजा था कि चार आतंकवादी भाग निकले। अधिकारियों के
मुताबिक यह काफी परेशान करने वाला है। जुलाई 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद यह ट्रेंड और तेजी से बढ़ने लगा है। अधिकारी इसके लिए राज्य सरकार को भी दोषी देते हैं। उनका मानना है कि सरकार की वजह से ही किसी भी आतंकवादी की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के समय भारी भीड़ उमड़ती है। वहीं राज्य सरकार पत्थरबाजी करने वालों पर भी काफी नरम है। इस वजह से ही शरारती तत्वों को और प्रोत्साहन मिलता है और वह भारी संख्या में सुरक्षा बलों के खिलाफ सामने आने लगते हैं। अब राज्य की पुलिस ने कुछ पत्थरबाजों को बुलाया है ताकि उनसे बात करके उनकी काउंसलिंग की जा सके। समस्या यह है कि इन लोगों को आतंकवादियों और अलगाववादियों की ओर से पैसा दिया जाता है और इनकी हिम्मत भी बढ़ने लगती है। पढ़ें-अब पेट्रोल बम जवानों पर फेकेंगे कश्मीर के उपद्रवी
Source: hindi.oneindia.com