नोटबंदी पर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने दावा किया
नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि अगर वह वित्त मंत्री होते और प्रधानमंत्री नोटबंदी पर जोर देते तो वह इस्तीफा दे देते। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘अगर प्रधानमंत्री मुझसे कहते कि मुझे 1000 और 500 रूपये के नोट को अवैध घोषित करने का फैसला करना है, तो मैं ऐसा नहीं करने के लिए कहता। फैसला नहीं लेता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं उन्हें तथ्य और आंकड़े देता। लेकिन, अगर वह कहते माफ कीजिए यह मेरा फैसला है मुझे यह करना है, तो मैं आपसे बेलाग लपेट कहता हूं, मैं इस्तीफा दे देता।’’वह रविवार को दिल्ली साहित्य महोत्सव में एक सवाल का जवाब दे रहे थे कि अगर वह केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की जगह होते तो क्या करते। नोटबंदी पर सरकार पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने दावा किया कि यह कदम भ्रष्टाचार, जाली मुद्रा और काला बाजारी जैसे लक्ष्यों को पूरा नहीं करेगा जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है। हालांकि उन्होंने जोड़ा कि केवल ‘‘लघु अवधि’’ का यह फायदा होगा कि शहरी इलाके में लोग डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ेंगे। चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस और उसके मंत्री भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए ‘‘पर्याप्त रूप से सतर्क नहीं थे।’’ लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी चूंकि सत्ता में थी इसलिए उस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाना ‘‘तर्कहीन’’ है। चिदंबरम ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार के मामले सभी सरकारों में रहे हैं और मैं उससे इनकार नहीं कर रहा हूं। संप्रग के 10 वर्ष के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हुए थे। कांग्रेस पहले भी सत्ता में रही थी, जब इंदिरा गांधी और जवाहर लाल नेहरू प्रधानमंत्री थे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘तत्कालीन सरकार, फिर चाहे वह कांग्रेस हो या कोई और पार्टी.. मुझे कांग्रेस पार्टी का उदाहरण लेने दें। कांग्रेस पार्टी और पार्टी के मंत्री भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए पर्याप्त रूप से सतर्क नहीं थे। जिसने भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया, उसे सजा दें। किसी ने ऐसा नहीं कहा कि आप कांग्रेस के मंत्री को सजा इसलिए नहीं दें क्योंकि वह कांग्रेस का नेता है।’’