देशव्यापी हड़ताल का द्रोणनगरी में दिखाई दिया असर
संदीप शर्मा।
देहरादून। उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स समन्वय समिति के तत्वावधान में केन्द्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल का असर दून में भी दिखाई दिया और परिवहन निगम की बसे, टैक्सी, स्कूल वैन संचालक, होटलों, चाय बागानों एवं फैक्ट्रियों में कर्मचारी पूरी तरह से हड़ताल पर रहे और यहां पर हडताल के चलते स्कूलों को बंद कर दिया गया। वहीं रक्षा संस्थानों में भी पूरी तरह से हड़ताल रही और पोस्ट ऑपिफस के कर्मचारियों ने अपने अपने संस्थानों के बाहर प्रदर्शन कर धरना दिया। रोडवेज की बसों का दोपहर 12 बजे तक चक्का जाम रहा और यात्रियों को कापफी परेशानियों का सामना करना पडा। बैकों में हड़ताल के चलते हुए करोडों रूपयों का लेन देन प्रभावित हुआ और लोगों को एटीएम का ही सहारा लेना पडा।
यहां राजधानी में केन्द्र सरकार के श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ श्रमिकों की पूर्ण रूप से हडताल रही और इस दौरान रैलियां निकाली एवं प्रदर्शन किये गये। इस अवसर पर रोडवेज की बसों, जीपों, मैक्स कैब आदि के पहिये पूरी तरह से जाम रहे। वहीं आईएसबीटी पर रोडवेज कर्मचारियों ने सुशील राठी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार का पुतला दहन व परिवहन बिल की प्रतियां फूंकी और प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ सभी को लामबंद होना है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार श्रमिक कानूनों को एकतरफा बदलकर देश में हायर एंड फायर की श्रम विरोधी नीतियों को लागू करना चाहती है ताकि पूंजीपतियों को मजदूरों का अत्याधिक शोषण करने हेतु छूट मिले और उनके लाभ में और अधिक मुनाफा हो लेकिन इसके खिलाफ देश के सभी श्रमिक संगठनों द्वारा लगातार सरकारी की मजदूर विरोधी कार्यवाहियों के खिलाफ ट्रेड यूनियन आंदोलन को विकसित कर सरकार को ऐसे श्रम विरोधी कार्यवाहियों को रोकने हेतु मजबूर करना है। देशव्यापी हड़ताल में इंटक, सीटू, एटक, बीमा, रक्षा अनुसंधान, एचएमएस, बैंक, आयुध निर्माणी, पोस्ट ऑफिस, आयकर, परिवहन, औद्योगिक, एमईएस, चाय बागान वर्कस, केन्द्रीय कर्मचारी कामगार महासंघ, निगम कर्मचारी, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, संविदा कर्मचारी, भोजन माता, आंगनवाडी कार्यकत्र्रियां आदि कर्मचारियों ने अपनी भागीदारी निभाई।