दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे आरबीआई गर्वनर रघुराम राजन
नई दिल्ली, । अपने ऊपर हो रहे राजनीतिक हमले को घटिया करार देते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को कहा कि उन्हें इस बात की छूट थी कि बैंकों के अधूरे कामों को पूरा करने के लिए अपने पद पर और कुछ समय के लिए रुक सकते थे। लेकिन, वह पद से रिटायर होने में ही खुश हैं।
राजन का तीन साल का कार्यकाल अगले महीने पूरा होने जा रहा है लेकिन उन्होंने जून के महीने में यह फैसला किया था कि वह दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ उनकी बातचीत उस स्टेज तक नहीं पहुंच सकी जहां पर वह अगले कार्यकाल के लिए राजी होते। उन्होंने कहा कि वह कभी भी दोबारा नियुक्ति या इस सरकार में अपने भविष्य को लेकर चिंतित नहीं रहे और एक बेहतर खिलाड़ी की तरह देश के हितों के लिए काम किया। उन्होंने एक टेलीविजन चैनल के साथ बातचीत में कहा कि हाल में कुछ ऐसे हमले हुए जो घृणास्पद थे और वो सभी इल्जाम कुछ मकसद से लगाए गए थे। लेकिन, वह सारे आरोप बिना किसी आधार के लगाए गए थे। राजन ने कहा कि इसी वजह से वह ऐसे आरोप लगानेवालों पर ध्यान नहीं देते हैं।
गौरतलब है कि राजन के तीन साल के कार्यकाल पूरे होने के दौरान उन पर कई व्यक्तिगत हमले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की तरफ से किए गए। स्वामी ने यह आरोप लगाया कि पूर्व आईएमएफ प्रमुख राजन दिमागी तौर पर पूरी तरह से भारतीय नहीं है और वह संवेदनशील और विश्वसनीय वित्तीय सूचनाओं को देश से बाहर भेजते हैं। राजन से जब यह पूछा गया कि क्या वह अपने दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि तीन साल के दौरान उन्होंने आरबीआई की तरफ से कई चीजों की शुरूआत की। उनमें से कुछ ऐसे भी काम है जो अभी अधूरे है जैसे मौनेट्री पॉलिसी कमेटी फ्रेमवर्क स्थापित करना। उन्होंने कहा कि इसका मतलब ये नहीं कि मैं दूसरा कार्यकाल लेने पर तुला हुआ था। लेकिन, इन कामों को पूरा करने के लिए कुछ समय तक और रुक सकता था। हालांकि, मैं आरबीआई के गवर्नर पद से जाने में भी खुश हूं।