थाईलैण्ड के उद्यमियों ने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह से की मुलाकात
बैंकॉक/देहरादून, । मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की मौजूदगी में मंगलवार को बैंकॉक में उत्तराखण्ड में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं से सम्बन्धित संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने राज्य में पर्यटन गतिविधियों, पर्यटन क्षेत्रों के विकास व संम्भावनाओं से सम्बन्धित व्यापक प्रस्तुतिकरण में इस क्षेत्र में निवेश के लिए थाईलैण्ड के उद्यमियों एवं निवेशकों के समक्ष रखा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म और आयुष सहित कई क्षेत्रों के लिए एक केन्द्र के रूप में उभरा है। उत्तराखण्ड आकर आप अपने आप को स्वर्ग के नजदीक महसूस करेंगे। यहां पर विश्व के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं और यह भारत का प्रमुख पर्यटन गंतव्य है। यहां सभी के लिए कुछ-न-कुछ पर्यटन गतिविधियां मौजूद है। 60 प्रतिशत से अधिक जंगल, प्राकृतिक संपदा से भरपूर है पर्यटन और व्यापार के लिए अनुकूल है। यही नहीं, राज्य में प्रसिद्व जिम कार्बेट टाइगर नेशनल पार्क और आसन वेटलैंड कंसर्वेशन रिजर्व, विश्व धरोहर स्थल ’’फूलों की घाटी’’ और नन्दा देवी बायोस्पेयर रिजर्व प्रमुख स्थल मौजूद हैं। आध्यात्म एवं योग की खोज पर यकीन रखने वालों के लिए उत्तराखण्ड एक प्रमुख स्थल है। यहां पर कई ऐसे आध्यात्मिक स्थल हैं जो आपको सिर्फ उत्तराखण्ड में ही मिलेंगे। प्राकृतिक विहंगम दृश्य, स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त वातावरण उत्तराखण्ड में आने वाले सभी सैलानियों को आकर्षित करता है। राज्य में कई आत्याधुनिक स्पा और योग सेंटर है। जिसमें प्रशिक्षित योग गुरू और थेरेपिस्ट है। उत्तराखंड अतुल्य है जिसमें पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभानाएं हैं। यह देश की राजधानी, नई दिल्ली के नजदीक है और हवाईमार्गो,सड़क व रेल यातायात से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। भारत सरकार ऋषिकेश, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ तक ’’ऑल वेदर रोड़’’ का निर्माण कर रही है, ताकि आने वाले तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के लिए वर्षभर आवागमन सुविधाजनक हो। कई रोपवे की योजनाओं पर भी कार्य किया जा रहा है।उत्तराखण्ड जीवन को आध्यात्मिक तरीके से सीखने, अभ्यास करने और परिपूर्णता के रूप में उभर रहा है। योग और आर्युवेद के माध्यम से स्वस्थ शरीर और चित्त के बीच एक आदर्श सन्तुलन हासिल करने के लिये कई पर्यटक उत्तराखण्ड प्रवास के प्रति आकर्षित होते हैं। इसको दृष्टिगत रखते हुए राज्य में चिकित्सा पर्यटन पर भी ध्यान दिया जा रहा है।उत्तराखण्ड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, साहसिक पर्यटन के रूप में ट्रेकिंग, स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, कैम्पिंग, एंगलिंग, पर्वतारोहण और रॉक क्लाइम्बिंग के अवसर प्रदान करता है। राज्य ने इन गतिविधियों के स्थानों को विश्व स्तर के स्थलों में विकसित करने की पहचान की है। वाटर स्पोर्टसके लिये टिहरी बांध, स्कीइंग, ट्रेकिंग-ट्रेल्स और सर्किट के लिये ऑली जैसे इस क्षेत्र में विशाल अवसर हैं और राज्य यहां प्रमुख टूर ऑपरेटरों को निवेश के लिये आमंत्रित करता है।उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा दने के लिए राज्य में 13 पर्यटन स्थलों को 13 जनपदों में विकसित किया जा रहे हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह योजना निवेशकों के पर्यटन के क्षेत्र में आकर्षित करने के लिए एक अच्छी शुरूआत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नवीनतम टैक्नोलॉजी, प्राकृतिक संसाधन, जानकारी और वैश्विक कार्य संस्कृति के साथ, हमारी सरकार आपको सहयोग करने के लिये हमेशा प्रतिबद्ध रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने विकास और समृद्धि का रास्ता चुना है और हम समान लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये उत्तराखण्ड में थाईलैण्ड की कम्पनियों से भागीदारी के लिए आग्रह करते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड में उपलब्ध विशाल अवसरों के उपयोग के लिए थाईलैण्ड की कम्पनियों उत्तराखण्ड में निवेश के लिये आगे आयेंगी। हमारा यह प्रयास थाईलैण्ड के निवेशको एवं उत्तराखण्ड राज्य दोनों के उज्ज्वल भविष्य के लिये उपयोगी होगा। मंगलवार को ही मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड एवं थाईलैण्ड के अधिकारियें के साथ उत्तराखण्ड में पर्यटन योजनाओं में निवेश के सम्बन्ध में आयोजित रोड शो में भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर थाइलैण्ड में भारत के राजदूत भगवंत सिंह विश्नोई, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव दिलीप जावलकर, इन्वेस्ट इंडिया की वायस प्रेसिडेन्ट प्रिया रावत, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार के.एस. पंवार सहित थाईलैंण्ड एवं उत्तराखण्ड के अधिकारी एवं निवेशक उपस्थित थे।