तुलाज इंटरनेशनल स्कूल में तीरंदाजी और घुड़सवारी एरिना का हुआ उद्घाटन : मंत्री सौरभ बहुगुणा

देहरादून, । तुलाज इंटरनेशनल स्कूल ने आज अपने खेलों में उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए तीरंदाजी और घुड़सवारी एरिना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार के पशुपालन, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री सौरभ बहुगुणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ तुलाज़ ग्रुप के वाइस चेयरमैन रौनक जैन, तुलाज़ इंस्टिट्यूट के वाइस प्रेसिडेंट (टेक्नोलॉजी) डॉ. राघव गर्ग, और तुलाज़ इंटरनेशनल स्कूल के हेडमास्टर रमन कौशल भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के सम्मान समारोह से हुई, जिसके बाद एरिना का उद्घाटन किया गया। समारोह के दौरान छात्रों द्वारा घुड़सवारी और तीरंदाजी के शानदार प्रदर्शन के साथ-साथ स्वागत गीत और एक विशेष नृत्य प्रस्तुति भी दी गई।
मुख्य अतिथि सौरभ बहुगुणा, रौनक जैन, डॉ. राघव गर्ग और रमन कौशल ने विद्यालय के प्रशिक्षकों सचिन वेदन, आराध्या वालिया, दीपक रावत, राहुल सेठवाल, और मनीष रघुवंशी को उनके मार्गदर्शन और युवा प्रतिभाओं को निखारने में योगदान के लिए सम्मानित किया। साथ ही, खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को भी पुरस्कृत किया गया, जिनमें घुड़सवारी में प्रशुक जैन और बुरहान, तथा तीरंदाजी में मयंक गौतम और विराज को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। अपने संबोधन में सौरभ बहुगुणा ने खेलों की परिवर्तनकारी शक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण का माध्यम भी हैं। उन्होंने छात्रों को असफलताओं से सीखने और खेल व सांस्कृतिक गतिविधियों में अधिक से अधिक अवसरों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों की प्रतिभा को पहचानना और उसे प्रोत्साहित करना आवश्यक है, जिससे वे अपने पूर्ण क्षमता तक पहुँच सकें। तुलाज़ ग्रुप के वाइस चेयरमैन रौनक जैन ने विद्यालय की समग्र शिक्षा प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए इस आयोजन को विद्यालय के खेलों में उत्कृष्टता प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने इस आयोजन में योगदान देने वाले सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर तुलाज़ इंस्टिट्यूट के रजिस्ट्रार विजय कुमार उपाध्याय, तुलाज़ इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर संदीप विजय, और अन्य गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।

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