तहसील में नशे में मिले कर्मचारी, एडीएम ने लगाई फटकार
तहसील में एडीएम को कर्मचारी नशे में मिले तो फाइलें रखने के लिए बनी रैकों के पीछे शराब की बोतलें, नमकीन के पैकेट और डिस्पोजल रखे थे। इस पर उन्होंने कर्मचारियों को फटकार लगाई।
देहरादून, [जेएनएन]: अपर जिलाधिकारी प्रशासन शुक्रवार को तहसील परिसर में निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां के हालात देखकर उनके होश उड़ गए। एडीएम को कर्मचारी नशे में मिले तो फाइलें रखने के लिए बनी रैकों के पीछे शराब की बोतलें, नमकीन के पैकेट और डिस्पोजल रखे थे।
इसके बाद उन्होंने कई दिन से तहसील के चक्कर काट रहे लोगों के प्रमाण पत्रों की डिटेल मांगी तो कर्मचारी एक-दूसरे का मुंह ताकने लगे। यह भी सामने आया कि कर्मचारी प्रमाण पत्र की एवज में लोगों से रुपये लेते हैं। इस सब पर एडीएम का पारा चढ़ गया।
उन्होंने तहसीलदार व कर्मचारियों को जमकर लताड़ लगाई और एक हफ्ते के अंदर सभी लंबित प्रकरणों को निस्तारित करने के निर्देश दिए। वहीं, नशे में मिले दो कर्मचारियों का एडीएम ने तबादला कर दिया, जबकि एक महिला समेत दो कर्मचारियों को कार्य में लापरवाही के चलते चेतावनी दी।
तहसील में व्याप्त अव्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली की शिकायत लगातार मिलती रहती है, लेकिन अभी तक जिला प्रशासन इन शिकायतों को अनदेखा करता रहा। अब नई सरकार के सत्ता में आते ही जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है। शिकायतों की जांच के लिए शुक्रवार को अपर जिलाधिकारी प्रशासन हरबीर सिंह तहसील परिसर पहुंचे।
कार्यालय में प्रवेश करते ही एडीएम का सामना अव्यवस्थाओं से हो गया। वहां मौजूद कर्मचारियों से उन्होंने प्रमाण पत्रों का ब्योरा मांगा तो वे एक-दूसरे पर आरोप लगाने लगे। इसके बाद कार्य विभाजन का ब्योरा मांगा गया तो वह भी नहीं मिला। बाद में पूछताछ करने पर पता चला कि प्रमाण पत्र बनाने का काम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे हैं।
इसी दौरान एडीएम की नजर दो कर्मचारियों पर पड़ी, जो शराब के नशे में थे। हद तो तब हो गई जब फाइलों की रैक के पीछे शराब की बोतल, डिस्पोजल गिलास, नमकीन के पैकेट और पानी की बोतलें रखी मिलीं। एडीएम ने तहसीलदार को बुलाकर जब कर्मचारियों की हरकतों के बारे में बताया तो तहसीलदार भी कुछ जबाव नहीं दे पाए।
इसके बाद एडीएम ने तहसीलदार के साथ ही कर्मचारियों को जमकर लताड़ लगाई और तहसीलदार को कार्यप्रणाली व व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दिए। साथ ही नशे में मिले कर्मचारी पंकज जोशी व नवीन राणा का ट्रांसफर तुरंत चकराता करने के निर्देश दिए।
दो हजार देने पर बनते हैं प्रमाण पत्र
तहसील में बिना लेनदेन के प्रमाण पत्र हासिल करना टेढ़ी खीर है। एक फरियादी ने तो एडीएम के सामने ही एक कर्मचारी का नाम बताते हुए कहा कि उसे दो हजार रुपये दिए हैं, फिर भी उनका निवास प्रमाण पत्र नहीं बना। एडीएम ने तहसीलदार को दलालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।
वर्ष 2012 से नहीं बन पाया निवास प्रमाण पत्र
फरियादी लीला निवासी ठाकुरपुर रोड प्रेमनगर ने एडीएम को बताया कि वह पांच साल से तहसील के चक्कर काट रही हैं, लेकिन उनका निवास प्रमाण पत्र अब तक नहीं बना। कभी फाइल गुम होने तो कभी कोई और बहाना बनाकर उन्हें टहलाया जा रहा है। एडीएम हरबीर सिंह ने दो दिन के अंदर महिला को प्रमाण पत्र दिलाने के निर्देश दिए।
स्वच्छ भारत अभियान पर भी पलीता
तहसील परिसर में स्वच्छ भारत अभियान पर भी पलीता लग रहा है। गुटखा और पान मसाला खाकर थूकने की वजह से जगह-जगह दीवारें लाल पड़ी हैं। खुद तहसीलदार के कमरे के आगे भी दीवारों पर थूकने के निशान हैं। इसके अतिरिक्त परिसर में कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। एडीएम ने तहसीलदार को तत्काल सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
वहीं, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ तहसील के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह नेगी का कहना है कि शराब पीकर कार्य करने को किसी भी दशा में सही नहीं कहा जा सकता है। इससे कार्यालय का माहौल खराब होता है। ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ अवश्य ही विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए।
वहीं, कलक्ट्रेट चर्तुथ श्रेणी संघ के जिलाध्यक्ष बंशीधर जोशी का कहना है कि ड्यूटी के दौरान शराब पीना गंभीर मामला है। प्रशासन अगर कोई कार्रवाई करता है तो संगठन ऐसे कर्मचारियों का बिल्कुल भी साथ नहीं देगा।