जानें क्या है ऑटो ब्रीवेरी नाम की बीमारी, बिना पिए ही नशे में धुत रहता है इंसान
कुछ लोगों के लिए कार्बोहाइड्रेट को शराब में बदलने की क्षमता होना सपने जैसा हो सकता है। लेकिन, एक 47 वर्षीय बेल्जियम के निवासी के लिए यह एक गंभीर बीमारी बन गई और दिनभर बिना शराब का सेवन किए बिना भी वह नशे में धुत रहता था। इस बीमारी के इलाज के लिए चिकित्सकों ने एक अनोखा इलाज किया। इसके लिए एक स्वस्थ व्यक्ति के मल को प्रत्यारोपित कर उनका इलाज किया गया।
दुर्लभ है बीमारी-
यह शख्स पूरे दो महीने तक नशे में धुत रहा जबकि उसने इस दौरान शराब को हाथ भी नहीं लगाया। जब यह शख्स इलाज के लिए यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल घेंट पहुंचा तो पता चला कि उसे एक दुर्लभ आंत संबंधी बीमारी थी जिसे ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम कहा जाता है।
यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें शरीर कार्बोहाइड्रेट के संपर्क में आने पर आंत में इथेनोल बनाने लगता है। पहले इस शख्स को कम कार्बोहाइड्रेट वाला आहार दिया गया, लेकिन इससे उसे कोई खास फायदा नहीं हुआ।
खराब बैक्टीरिया का खात्मा किया गया-
इस शख्स को जब इलाज से फायदा नहीं हुआ तो फिर उसकी आंत में एक स्वस्थ डोनर के मल का प्रत्यारोपण किया गया। आंत की कई बीमारियों में मल प्रत्यारोपण की तकनीक बहुत सामान्य होती जा रही है। इस इलाज से आंत में मौजूद खराब और अप्रभावी बैक्टीरिया का खात्मा हो जाता है और अच्छे बैक्टीरिया आंत तक पहुंचाए जाते हैं जिससे वो सही तरीके से काम कर सके। इस इलाज की पद्धति पर और अध्ययन किया जा रहा है ताकि सी. डिफ और कैंसर के मरीजों पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सके।
ऐसे होता है इलाज-
मल प्रत्यारोपण करने के लिए ज्यादातर मामलों में कोलोन में मल डाला जाता है। इसके अलावा नाक के जरिए गले से होते हुए आंतों में एक ट्यूब डाली जाती है। इसके अलावा मल के नमूने को सूखाकर उसकी गोली बनाकर भी मरीज को दी जा सकती है। इस प्रत्यारोपण के बाद इस दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे मरीज में तेजी से सुधार हुआ। 34 महीने तक इस मरीज की निगरानी करने के बाद उसकी सेहत में सुधार ही देखा गया।
स्वास्थ्य पर पड़ता है दुष्प्रभाव-
यह बीमारी बेहद गंभीर है और स्वास्थ्य पर इसका बहुत दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके शरीर में शराब का स्तर बढ़ जाता है, नशा चढ़ने लगता है और लिवर के संचालन में गड़बड़ी आती है। इस बीमारी का जोखिम डायबिटीज, मोटापे और क्रोन बीमारी से पीड़ित लोगों में ज्यादा पाया जाता है।
आंत के बैक्टीरिया के कारण होती है बीमारी-
अब तक इस बीमारी के कारणों के बारे में चिकित्सकों को पता नहीं है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के आंतों के नमूने में कई प्रकार के यीस्ट और बैक्टीरिया देखे गए हैं। ऑटो ब्रीवेरी सिंड्रोम पर किए गए एक हालिया शोध में पता चला है कि इसकी पहचान करना मुश्किल होता है। इस मामले को एनल्स ऑफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है।