जानिए राष्ट्रपति ट्रंप के मुसलमान बैन वाले एग्जिक्यूटिव ऑर्डर का मतलब
वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सात मुसलमान देशों को बैन करने का आदेश आज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। राष्ट्रपति ट्रंप ने 27 जनवरी 2017 को एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर पास किया जिसके तहत सीरिया, सोमालिया, सूडान, लीबिया, इरान, इराक और यमन से आने वाले लोगों को बैन कर दिया। आइए आपको बताते हैं कि एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर क्या है और यह कैसे काम करता है?
आधिकारिक बयान एग्जिक्यूटिव ऑर्डर
एग्जिक्यूटिव ऑर्डर किसी भी अमेरिकी राष्ट्रपति का एक आधिकारिक बयान होता है।
यह बताता है कि सरकारी एजेंसियां कैसे अपने संसाधनों का प्रयोग कर सकती है।
अमेरिकी सरकार तीन हिस्सों में बंटी होती है, कांग्रेस, राष्ट्रपति और अदालतें।
कांग्रेस कानून बनाती है, राष्ट्रपति कानून को साइन के साथ पास करते हैं और अदालतें उसका अवमूल्यन करती हैं।
एग्जिक्यूटिव ऑर्डर को आप वह आदेश कह सकते हैं जो नए कानूनों को बनाने से जुड़ा होता है।
राष्ट्रपति इस कानून के साथ ही एजेंसियों को बताते हैं कि जो कानून कांग्रेस ने बनाया है उसका हर हाल में पालन हो।
राष्ट्रपति कोई भी ऐसा आदेश पास नहीं कर सकते हैं जो पहले से मौजूद कानून जिसे कांग्रेस ने पास किया है, उसका उल्लंघन करता हो।
इसके अलावा इस कानून के जरिए अमेरिकी संविधान का भी उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
अदालतें इस एग्जिक्यूटिव ऑर्डर का मूल्यांकन कर सकती हैं।
अदालतें किसी एग्जिक्यूटिव ऑर्डर को वापस करें ऐसा बहुत कम देखा गया है।
कोर्ट ने वापस कर दिया था क्लिंटन का ऑर्डर
जब अमेरिका में बिल क्लिंटन राष्ट्रपति थे तो अदालतों ने उनके एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर को वापस कर दिया था। क्लिंटन का वह आदेश सरकार को ऑर्गनाइजेशंस के साथ कांट्रैक्ट से रोकने वाला था। नए राष्ट्रपति पुराने किसी राष्ट्रपति की ओर से साइन किए गए किसी एग्जिक्यूटिव ऑर्डर को पलट भी सकते हैं या फिर उसे कैंसिल भी कर सकते हैं। राष्ट्रपति ट्रंप के सात मुसलमान देशों वाले एग्जिक्यूटिव ऑर्डर को सिएटल के डिस्ट्रिक्ट जज का विरोध झेलना पड़ा। जज ने उनके इस आदेश को कुछ समय के लिए रोक दिया है। सिएटल डिस्ट्रिक्ट जज जेम्स रॉबर्ट ने फैसला दिया और कहा कि वॉशिंगटन और मिनेसोटा को राष्ट्रपति के आदेश के बाद कई तरह की चुनौतियां आ गई हैं। जज रॉबर्ट ने कहा कि आदेश के बाद राज्य को आकस्मिक और अपूरणीय क्षति के तौर पर मिले बोझ से निबटना होगा।
Source: hindi.oneindia.com