जब कश्मीर जल रहा था तो महबूबा, गिलानी के पोते को नौकरी दिलाने में बिजी थीं!
श्रीनगर। वर्ष 2016 में जब एक तरफ अलगाववादियों की नीतियों की वजह से कश्मीर जल रहा था तो दूसरी ओर राज्य की सरकार पाकिस्तान के प्रेमी अलगाववादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के पोते को नौकरी दे रही थी। राज्य की बीजेपी-पीडीपी सरकार ने राज्य के टूरिज्म डिपार्टमेंट में गिलानी के पोते को नौकरी दी हुई है।
सारे नियमों को भी रख ताक पर
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक गिलानी के पोते अनीस-उल-इस्लाम को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कनवेंशन कॉम्प्लेक्स (एसकेआईसीसी) में रिसर्च ऑफिसर नियुक्त किया गया है। एसकेआईसीसी राज्य के टूरिज्म डिपार्टमेंट की ही एक ब्रांच है। राज्य सरकार ने नियुक्ति की नीति और जरूरी सारे नियमों को ताक पर रखकर उसे यह नौकरी दी है। इस नौकरी के लिए हर वर्ष उसे 12 लाख रुपए बतौर पेंशन मिलते हैं। अनीस ने पंजाब के जालंधर से एमबीए की पढ़ाई की है। वर्ष 2009 में जम्मू कश्मीर सीआईडी की सलाह पर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने उसे पासपोर्ट देने से मना कर दिया था। हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद उसे पासपोर्ट दिया जा सका था। अनीस इसके बाद मास्टर्स की पढ़ाई के लिए यूके गया। सूत्रों की ओर से यह भी कहा गया है कि राज्य के टूरिज्म डिपार्टमेंट को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सीधे तौर पर नियंत्रित करती हैं। जिस पद पर अनीस की नियुक्ति हुई है उसके बारे में मुख्यमंत्री ने चयन प्रक्रिया के बारे में राज्य की जरूरी एजेंसियों जैसे जम्मू कश्मीर राज्य अधीनस्थ सेवा भर्ती केंद्र या सेवा आयोग को जानकारी ही नहीं दी। टूरिज्म सेक्रेटरी फारुख शाह सीनियर सेलेक्शन कमेटी के चेयरमैन हैं उन्होंने कहा गिलानी के पोते का चयन पूरी प्रक्रिया के तहत हुआ है।
140 एप्लीकेशंस लेकिन सेलेक्शन पोते का
उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से उम्मीदवारों से एप्लीकेशंस मांगी गई थी। गिलानी का पोता इस पद के लिए फिट लगा। वहीं एसकेआईसीसी के एक अधिकारी की ओर से कहा गया है कि टूरिज्म सेक्रेटरी ने अनीस की नियुक्ति काफी पहले कर ली थी। टूरिज्म डिपार्टमेंट ने उस समय अनीस को जगह देने का फैसला किया जब कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों और बंद का दौर जारी थी, जगह-जगह आग लगाई जा रही थी, हिंसा चरम पर थी और लोगों की हत्याएं हो रही थी। अधिकारी ने बताया कि अभी तक अनीस की सीआईडी जांच भी नहीं हुई और उसकी सैलरी भी नहीं मिली है। उसे सारे क्लीयरेंस के बाद सैलरी दी जाएगी। अनीस को जहां नौकरी दी गई तो वहीं कुछ लोगों की एप्लीकेशन को स्वीकार करने के बाद भी उन्हें नहीं बुलाया गया। इस पद के लिए करीब 140 एप्लीकेशंस आई थीं लेकिन सिर्फ पसंदीदा लोगों को ही बुलाया गया। आपको बता दें कि गिलानी की एक पोती एयरलांइस में क्रू मेंबर है, एक बेटा नईम एक डॉक्टर है और वह राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के साथ काम करता था। नईम की बड़ी बेटी अक्टूबर 2016 में स्कूल की परीक्षाएं दी थी और उस समय परीक्षाएं दी थी जब गिलानी घाटी के स्कूलों को बंद करने की अपील कर रहे थे।
Source: hindi.oneindia.com