चैंपियंस ट्रॉफ़ी में चैंपियंस के सामने नई चुनौतियां, यह होगा जीत का सबसे बड़ा मंत्र

नई दिल्ली: इंग्लैंड में 1 जून से शुरू होने वाली चैंपियंस ट्रॉफ़ी में टीम इंडिया कागज पर बेहद ताक़तवर नज़र आ रही है. क्रिस गेल जैसे दिग्गज टीम इंडिया को इंग्लैंड के हालात में ख़िताब का मज़बूत दावेदार नहीं मानते, लेकिन कपिलदेव जैसे ज़्यादातर जानकरों की राय उनसे अलग है. इंग्लैंड के हालात में जीत का सबसे बड़ा मंत्र स्विंग पर नियंत्रण हो सकता है. ऐसे में भारतीय चुनौती को लेकर भी फ़िक्र की एक से ज़्यादा वजहें हैं.

स्विंग की चुनौती 
इंग्लैंड में किसी भी टीम के लिए सबसे बड़ी चुनौती स्विंग से अभ्यस्त होकर उसमें निखरने की होगी. IPL में चैंपियन बनी मुंबई टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने भी कहा है कि खिलाड़ियों को स्विंग के लिए अभ्यस्त होना होगा. लेकिन वो मानते हैं कि भारतीय खिलाड़ियों को इसमें ज़्यादा मुश्किल नहीं होगी. फ़ैन्स ये ज़रूर नहीं भूले होंगे कि टीम इंडिया ने चार साल पहले इन्हीं हालात में इंग्लैंड को शिकस्त देकर पहली बार चैंपियंस ट्रॉफ़ी का ख़िताब अपने नाम किया था. कप्तान विराट और उनकी की सेना के लिए खुद को साबित करने का ये शानदार मौक़ा साबित हो सकता है.

स्पिनर्स की मुश्किल 
चोट की वजह से IPL से बाहर रहे आर अश्विन के लिए इंग्लैंड के हालात में खुद का साबित करना बड़ी चुनौती साबित होगी. आर अश्विन और रविन् जडेजा दोनों ही स्पिनर्स पिछले चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में रंग में दिखे थे. जडेजा (नाबाद 33 रन और 2/24) और अश्विन (2/15) ने फ़ाइनल में इंग्लैंड की कमर तोड़ दी थी. इस बार फिर टीम मैनेजमेंट उनसे असरदार होने की उम्मीद करेगी.

ओपनर्स की मुश्किल 
टीम इंडिया के लिए रोहित शर्मा और शिखर धवन की जोड़ी इंग्लैंड में ओपनिंग के लिए तैयार नज़र आ रही है. शिखर धवन IPL के ट्वेन्टी-ट्वेन्टी format में सबसे ज़्यादा रन बटोरने वालों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर रहे. उन्होंने 14 मैचों में 37 (36.84) के औसत से 479 रन बटोरे. पिछली दफ़ा चैंपियंस ट्रॉफ़ी में मैन ऑफ़ द सीरीज़ रहे शिखर धवन को अपने फ़ॉर्म को बरक़रार रखने की ज़रूरत होगी जबकि रोहित ने IPL में जैसा प्रदर्शन किया उससे बेहतर करने की उम्मीद रहेगी.

तेज़ गेंदबाज़ी में विकल्प 
टीम इंडिया के स्विंग कुमार भुवनेश्वर के अलावा उमेश यादव, मो. शमी और जसप्रीत बुमराह जैसे पेसर्स टीम के बल्लेबाज़ों की ताक़त साबित हो सकते हैं. IPL में 26 विकेट लेने वाले भुवनेश्वर, 20 विकेट लेने वाले बुमराह और 17 विकेट लेने वाले उमेश यादव लय में दिख रहे हैं. मो. शमी ज़रूर इंग्लैंड में बेहतर फ़ॉर्म में नज़र आना चाहेंगे.

ऑलराउंडर्स की चुनौती 
पिछली दफ़ा चैंपियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में ऑलराउंडर रविन्द्र जडेजा (फ़ाइनल में 25 गेंदों पर नाबाद 33 रन और 4-0-24-2)ने मेज़बान इंग्लैंड को उनकी ही पिच पर बेबस कर दिया था. टीम इंडिया के लिए एक बार फिर रविन्द्र जडेजा, हार्दिक पांड्या और युवराज सिंह जैसे ऑलराउंडर्स टीम का बैलेंस दुरुस्त कर सकते हैं. टीम मैनेजमेंट के लिए ये खिलाड़ी बड़ी उम्मीद बने रहेंगे.

दिग्गजों के सामने चुनौती 
चैंपियन्स ट्रॉफ़ी में कई दिग्गज खिलाड़ियों पर फ़ैन्स की ख़ासी नज़र रहेगी. विराट कोहली, एमएस धोनी, युवराज सिंह और रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी अपने दम पर मैच निकालते रहे हैं. इनमें से किसी का सिक्का भी चला तो वो टूर्नामेंट की रंगत बदल सकते हैं. भारतीय फ़ैन्स इन सबके हिट होने की दुआएं ज़रूर करेंगे.

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