खतराः बड़ा भूकंप झेलने को तैयार नहीं दिल्ली-NCR की 80 फीसद इमारतें
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई स्थानों पर तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। शुक्रवार तड़के सुबह करीब 4:24 बजे लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.7 आंकी गई। भूकंप का केंद्र रोहतक (हरियाणा) में था। भूकंप का केंद्र जमीन में 22 किलोमीटर अंदर था।
पिछले एक-दो सालों के दौरान भूकंप की बढ़ती घटनाओं से पूरे दिल्ली-एनसीआर में चिंता की लकीरें गहराती जा रही हैं।
ऐसे में यह सवाल यह उठता रहा है कि अगर बड़ा भूकंप दिल्ली-एनसीआर में आया तो दिल्ली जैसे शहरों पर कितना असर पड़ेगा?
विशेषज्ञों की मानें तो सिस्मिक ज़ोन-4 में आने वाले देश के सभी बड़े शहरों की तुलना में दिल्ली में भूकंप की आशंका ज्यादा है।
वहीं, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहर सिस्मिक ज़ोन-3 की श्रेणी में आते हैं, ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में खतरनाक स्थिति है।
भूगर्भशास्त्री भी मानते हैं कि दिल्ली की दुविधा यह भी है कि वह हिमालय के निकट है जो भारत और यूरेशिया जैसी टेक्टॉनिक प्लेटों के मिलने से बना था। ऐसे में धरती के भीतर की प्लेटों में होने वाली हलचल का खामियाज़ा भुगतना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि दिल्ली में भूकंप के साथ-साथ कमज़ोर इमारतों से भी खतरा है। एक अनुमान के मुताबिक, दिल्ली की 70-80% इमारतें भूकंप का औसत से बड़ा झटका झेलने के लिहाज़ से डिज़ाइन ही नहीं की गई हैं।
बताया गया है कि पिछले कई दशकों के दौरान यमुना नदी के पूर्वी और पश्चिमी तट पर बढ़ती गईं इमारतें ख़ास तौर पर बहुत ज़्यादा चिंता की बात है क्योंकि अधिकांश के बनने के पहले मिट्टी की पकड़ की जांच नहीं हुई है।
यह है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है कि ऐसी सभी इमारतें जिनमें 100 या उससे अधिक लोग रहते हैं, उनके ऊपर भूकंप रहित होने वाली किसी एक श्रेणी का साफ़ उल्लेख होना चाहिए। बावजूद इसके इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है।
यह है दिल्ली की परेशानी का सबब
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र की एक बड़ी समस्या आबादी का घनत्व भी है। तकरीबन दो करोड़ की आबादी वाली राजधानी दिल्ली में लाखों इमारतें दशकों पुरानी हैं और तमाम मोहल्ले एक दूसरे से सटे हुए बने हैं। ऐसे में बड़ा भूकंप आने की स्थिति में जानमाल की भारी हानि होगी।
वैसे भी दिल्ली से थोड़ी दूर स्थित पानीपत इलाके के पास भूगर्भ में फॉल्ट लाइन मौजूद है जिसके चलते भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।