क्या आपने दूध के साथ केले का भोजन किया है? अवश्य पढ़ें

हम सभी मिल्कशेक और स्मूथीज से बेहद प्यार करते हैं. तपती गर्मी में कूल-कूल होने के लिए मौसमी फलों और दूध का मिश्रण एकदम सही विकल्प है. आखिर किसको केले से बना मिल्कशेक शाम के समय पीना पसंद नहीं होगा? और हो भी क्यों न, टेस्टी जो इतना लगता है. हम केले और दूध का कॉम्बिनेशन ठंडे मिल्कशेक में लंबे समय से देखते आए हैं. लेकिन सच्चाई तो यह है कि ये कॉम्बिनेशन स्वास्थ्य के कतई ठीक नहीं. इस बारे में हमने कई विशेषज्ञों से बात की. यहां आप भी जानिए केले और दूध के मिश्रण से जुड़ी जरूरी बातें…

केले और दूध का कॉम्बिनेशन- अच्छा या बुरा?

दूध और केले का मेल स्वास्थ्य के लिए अच्छा या बुरा है? इस बात के लिए हमेशा बहस होती आयी है. हालांकि कई सुझाव देते हैं कि दोनों एक उत्कृष्ट कॉम्बिनेशन बनाते हैं, तो कुछ उन्हें एक साथ खपत करने की सलाह देते हैं. जब हमने केयर फॉर लाइफ के विशेषज्ञ डायटीशियन और मनोवैज्ञानिक हरीश कुमार से पूछा, तो उन्होंने कहा कि, “हम इस कॉम्बिनेशन की सिफारिश नहीं करते क्योंकि यह शरीर के लिए बहुत हानिकारक साबित हो सकता है. और अगर आप उसे पीना चाहते हैं, तो आप पहले दूध ले सकते हैं और उसके 20 मिनट के बाद एक केला खा सकते हैं. आपको केले के मिश्रण से बने मिल्कशेक से भी बचना चाहिए, क्योंकि यह पाचन प्रक्रिया को बाधित करती है.

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यह मिश्रण अस्थमा से ग्रसित लोगों को लेने से मना किया गया है

इसके विपरीत, विशेषज्ञ पोषण नूट्रिशनिस्ट और मैक्रोबायोटिक हेल्थ कोच, शिल्पा अरोड़ा कहती  हैं, “केला और दूध  का मिश्रण जो लोग वजन बढ़ाने की इच्छा रखते हैं  और जिन्हें अपने काम में ज्यादा ऊर्जा की जरूरत है, उनके लिए ये बहुत लाभकारी है. हालांकि यह मिश्रण अस्थमा से ग्रसित लोगों को लेने से मना किया गया है क्योंकि यह मिश्रण बलगम जैसी एलर्जी पैदा करता है जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है.

आयुर्वेद का क्या कहना है ?

जहां तक आयुर्वेद का संबंध है, हर भोजन का अपना स्वाद (रस) , पाचन प्रभाव (वीपाका) और ताप या शीतलन ऊर्जा (वीर) होता है. इसलिए किसी व्यक्ति की अग्नि या गैस्ट्रिक आग यह निर्धारित करती है कि उसकी भोजन प्रक्रिया कितनी अच्छी या खराब है. आयुर्वेद अपनी सबसे असंगत खाद्य पदार्थों की सूची में दूध और केले को डालता है.

वसंत लाड की किताब द कंपलीट बुक ऑफ आयुर्वेद होम रेमिडीज, अ कॉम्प्रीहेंसिव गाइड टू द एंशिएंट हीलिंग ऑफ इंडिया के मुताबिक फलों और दूध के कॉम्बिनेशन से बचना चाहिए.

वसंत लाड की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूध के साथ केले को खाने से अग्नी कम हो सकती है, विषाक्त पदार्थ उत्पन्न हो सकता है और साइनस कंजेशन, ठंड, खांसी और एलर्जी पैदा हो सकती है. हालांकि इन दोनों खाद्य पदार्थों में मीठा स्वाद और शीतलन ऊर्जा है, जिनका पाचन प्रभाव बहुत अलग है. केला खट्टा होता हैं जबकि दूध मीठा होता है जिससे हमारे पाचन तंत्र में कई दिक्कत पैदा सकती हैं. इसका नतीजा एलर्जी और अन्य असंतुलन भी हो सकता है.

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केला खट्टा होता हैं जबकि दूध मीठा होता है

आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ वैद्य और डॉ सूर्य भागवती कहते हैं के , “यह एक बुरा कॉम्बिनेशन है और इसे विरुद्ध आहार (असंगत कॉम्बिनेशन) के रूप में जाना जाता है. यह अमा पैदा करता है,  और शरीर में असंतुलन और रोगों का मूल कारण है. यह पाचन शक्ति को कमजोर करता है. यह कंजेशन ,ठंड, खांसी, चकत्ते और एलर्जी का कारण बनता है. यह शरीर में नकारात्मक प्रतिक्रिया पैदा करता है, अतिरिक्त पानी उत्पन्न करता है, शरीर के अंगो को ब्लॉक करता है. इतना ही नहीं इससे उल्टी और दस्त होने की आशंका भी बनी रहती है.

तो, क्या आपको  यह मिश्रण पीना चाहिए या नहीं?

हमारे विशेषज्ञों के मुताबिक, केला और दूध एक साथ अच्छी तरह से काम नहीं करते है और हमारे स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए दूध के साथ केले को मिलाने से बचना चाहिए. अगर आप इनका मजा अलग अलग लें तो बेहतर होगा क्योंकि उनके पास अपने विशेष गुण हैं जो हमारे स्वास्थ्य को लाभ देते हैं. जबकि उन दोनों का मिश्रण उनके गुणों को मार सकता है और शरीर में बीमारियां पैदा करता है.

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