कैलास मानसरोवर यात्रा को चुनौती दे रहा प्रतिकूल मौसम
पिथौरागढ़ : कैलास मानसरोवर यात्रा प्रारंभ होने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विगत एक माह से पिथौरागढ़ जिले में मौसम खराब है। कैलास मानसरोवर यात्रा 12 दिन पिथौरागढ़ जिले में ही रहती है। जिले के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पांच पड़ावों से यात्रा होती है। उच्च हिमालय में बर्फबारी तो उच्च मध्य हिमालय में बारिश यात्रा में खलल पैदा करती रही है। इस बार मौसम प्रतिकूल बना हुआ है।
कैलास मानसरावेर यात्रा का आधार शिविर धारचूला है। धारचूला से 54 किमी आगे नारायण आश्रम तक यात्रा वाहन से होती है। इसके बाद यात्रा पैदल होती है। भारत में पांच पड़ावों सिर्खा, गाला, बूंदी, गुंजी और नाबीढांग के बाद यात्रा लिपू पास पार कर तिब्बत चीन में प्रवेश करती है।
इस यात्रा के दौरान धारचूला से लेकर बूंदी के मध्य मौसम सबसे अधिक खलल डालता है। इस क्षेत्र में दलों को जाने और आने में छह दिन का समय लगता है। इस वर्ष अप्रैल माह से ही मौसम खराब है। रोज निचले हिस्सों में बारिश हो रही है और उच्च हिमालय में बर्फबारी। जिससे प्रशासन सहित यात्रा से जुड़े विभागों को यात्रा संचालन के लिए अतिरिक्त करसत करनी पड़ रही है।
ऐसा है मौसम का तेवर
सीमांत जिले में मध्य जून के आसपास मानसून दस्तक दे देता है। जुलाई माह में जिले में वर्षा का औसत 550. 8 एमएम रहता है। जुलाई से सितंबर तक जिले में वर्षा का
औसत 1668.9 एमएम रहता है।
माह—————-वर्षा एमएम
जुलाई————–550.8 एमएम
अगस्त————-538.9 एमएम
सितंबर————-293.6 एमएम
वर्ष 2014 में और 16 में मौसम रहा नरम
कैलास मानसरोवर यात्रा के दौरान वर्ष 2014 और 2016 में मौसम नरम रहा। जून माह में इन वर्षों में काफी कम बारिश हुई । 2014 में मात्र 113.9एमएम और 2016 में 154.9 एमएम ही बारिश हुई थी। जबकि जून माह में जिले में वर्षा का औसत 299.6 एमएम है। इस बार अप्रैल माह से ही लगातार हो रही वर्षा के कारण बारिश अधिक होने की आशंका बनी है।
मौसम से निपटने की तैयारियां
कैलास मानसरोवर यात्रा 6 जून से प्रारंभ होगी। 12 जून को यात्रा पिथौरागढ़ जिले में पहुंच जाएगी। पहले दिन आधार शिविर में ठहरने के बाद अगले दिन से पैदल यात्रा प्रारंभ हो जाएगी। मौसम को लेकर होने वाली परेशानी को देखते हुए यात्रा मार्ग में तीन स्थानों पर एसडीआरएफ तैनात की जा रही है। उच्च हिमालय में आइटीबीपी यात्रा संचालन में मदद करती है। आइटीबीपी के हिमवीर मार्ग में बर्फ हटाने में जुटे हैं। पैदल यात्रा के दौरान प्रत्येक दल के साथ आइटीबीपी का आपदा बचाव दल रहेगा। सभी पड़ावों पर विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। सड़कों और पैदल मार्ग खोलने के लिए बीआरओ और लोनिवि द्वारा अतिरिक्त गैंग तैनात करने के अलावा डोजर, जेसीबी मशीनें तैनात की जा रही हैं। मार्ग की रैकी कर एक दल वापस लौट चुका है और प्रशासन का दूसरा दल रवाना हो गया है।
मौसम से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां पूरी
एडीएम एवं कैलास मानसरोवर यात्रा के नोडल अधिकारी मो. नासिर का कहना है कि मौसम से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। मार्गो के लिए लोनिवि और ग्रिफ को निर्देशित किया गया है। उच्च हिमालय में आइटीबीपी व्यवस्था खुद देखती है। अभी जून माह में मौसम सुधर भी सकता है।