कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड आवास नीति को मिली मंजूरी, 22 प्रस्तावों पर हुई चर्चा  

देहरादून, । राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में 22 प्रस्ताव आए, जिनमें से अधिकांश पर मुहर लगी। कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड आवास नीति को मंजूरी प्रदान की गई। उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों को वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। राज्य में उत्पादित सी ग्रेड सेब व नाशपाती (गोला) फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया जाएगा। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट शोध पत्र प्रकाशन प्रोत्साहन योजना संचालन का निर्णय लिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभागान्तर्गत संचालित राजकीय मेडिकल कॉलेजों एवं सम्बद्ध टीचिंग चिकित्सालयों में यूजर चार्जेज की दरों में एकरूपता लाई जाएगी। राज्य में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उत्तराखण्ड राज्य क्रीड़ा विश्वविद्यालय विधेयक-2024 को अध्यादेश के रूप में रखे जाने का निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, आर. मीनाक्षी सुंदरम, दिलीप जावलकर द्वारा पत्रकारों को दी गई। कैबिनेट द्वारा लिये गये निर्णय इस प्रकार से हैं। ई-स्टाम्पिंग एवं ई-कोर्ट फीस अनुबन्ध का नवीनीकरण किया जाएगा। स्टाम्पों की आपूर्ति एवं विक्रय की वर्तमान प्रणाली में कठिनाईयों एवं कमियों दो दूर करने, नकली एवं जाली स्टाम्पों के प्रयोग पर रोक लगाने हेतु उत्तराखण्ड स्टाम्प (ई-स्टाम्प प्रमाण-पत्रों के माध्यम से शुल्क का संदाय) नियमावली, 2011 प्रख्यापित की गयी। उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समितियों में महिलाओं की सशक्त भागेदारी सुनिश्चित किये जाने के दृष्टिगत राज्य सरकार द्वारा सहकारी समितियों की प्रबंध समिति में नामित सदस्य व सभापति जिन्हें विगत 03 सहकारी वर्ष पूर्व सम्मिलित किया गया था, ऐसे सदस्यों के सम्बन्ध में उत्तराखण्ड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली, 2018 के नियम-12 (ख) में उक्त संशोधन नियमावली, 2024 के माध्यम से उन्हें सदस्य बनाये जाने की तिथि से प्रथम निर्वाचन के लिए छूट प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। राज्य के पर्वतीय एव दुर्गम क्षेत्रो में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने हेतु मौलिक रूप से नियुक्त प्रान्तीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा एव दन्त शल्यक सेवा सवर्ग के समस्त कार्यरत चिकित्साधिकारियों के लिए दिनांक 01 अप्रैल, 2016 से विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना लागू कि गयी है जो कि उन्हें उत्तराखण्ड चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियमावली 2014 में प्राविधानित पदोन्नति सोपान के दृष्टिगत 04, 09, 13 एवं 20 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने पर कमशः ग्रेड वेतन रू0 6600, 7600, 8700 एवं 8900 के पदोन्नत वेतनमान पर्वतीय/दुर्गम क्षेत्र में कमश 02, 05, 07 एवं 09 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की शर्त के साथ प्रदान करती है। चिकित्साधिकारियों द्वारा दुर्गम सेवा जब भी पूर्ण कर ली जाती है उन्हें विशेष डायनमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन योजना की अनुमन्यता की तिथि से समस्त लाभ प्राप्त हो जाते है।
वाहन चालकों द्वारा वर्दी की दरों/उसके सापेक्ष उन्हें प्राप्त हो रही धनराशि में विगत 13 वर्षों से वृद्धि न होने के दृष्टिगत वर्दी की दरों / प्राप्त हो रही धनराशि में बढ़ोत्तरी किये जाने की निरन्तर मांग के क्रम में उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के वाहन चालकों की वर्दी के लिए निर्धारित उक्त व्यवस्था को समाप्त करते हुए उत्तराखण्ड सचिवालय से इतर अधीनस्थ कार्यालयों के नियमित रूप से कार्यरत वाहन चालकों को प्रतिवर्ष रू० 3,000.00 (रू० तीन हजार मात्र) वर्दी भत्ता अनुमन्य किये जाने का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। राज्य में वेतन समिति, उत्तराखण्ड द्वारा की गयी संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयानुसार राजकीय कर्मचारियों को अनुमन्य वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि प्रत्येक वर्ष की 01 जनवरी तथा 01 जुलाई निर्धारित की गयी है। राज्य सरकार के बहुत से सरकारी सेवक अधिवर्षता आयु पूर्ण कर प्रति वर्ष दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को भी सेवानिवृत्त होते हैं, इनमे ऐसे सरकारी सेवक भी सम्मिलित होते है, जिनके द्वारा एक ही वेतन स्तर पर उक्त तिथि को 01 वर्ष की संतोषजनक सेवा पूर्ण कर ली जाती है। परन्तु उन्हें आगामी वेतनवृद्धि प्रदान नहीं की जाती है क्योंकि सरकारी सेवकों को वार्षिक वेतन वृद्धि एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा के उपरान्त देय होती है। इन सरकारी सेवकों द्वारा एक वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण तो कर ली जाती है लेकिन वे उसी दिन सेवानिवृत्त हो जाते है जिस दिन उनकी एक वर्ष की सेवा पूर्ण हो रही हो। राज्य के अन्तर्गत निवासरत जनों हेतु सुरक्षित एवं स्थायी आवास एवं प्रधानमंत्री आवास योजना से आच्छादित पात्र समाज के प्रत्येक वर्ग को किफायती आवास बनाने के उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड आवास नीति, 2017 प्रख्यापित की गयी थी। उक्त आवास नीति, 2017 के सुचारू क्रियान्वयन किये जाने के लिए उत्तराखण्ड आवास नीति नियमावली, 2018 का प्रख्यापन किया गया। पूर्ववर्ती नीति एवं नियमावलियों में विद्यमान कमियों को दूर करते हुए किफायती आवास परियोजनाओं सहित समस्त प्रकार की आवासीय परियोजनाओं के निर्माण एवं भू-उपयोग परिवर्तन की प्रक्रिया को सरल एवं व्यावहारिक बनाये जाने, राज्य में आवासीय सेक्टर के विकास हेतु एक सकारात्मक एवं अनुकूल वातावरण का निर्माण किये जाने तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकार की मंशानुसार सबके लिए आवास की परिकल्पना को मूर्त रूप दिये जाने के उद्देश्य से नियमावली का प्रख्यापन किये जाने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री द्वारा दिनांक 16 सितम्बर, 2024 को राज्य के घरेलू श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत टैरिफ में सब्सिडी प्रदान किये जाने सम्बन्धी घोषणा के क्रम में राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं को लागू विद्युत दरों (इनर्जी चार्ज) में 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की गयी है। हिम-आच्छादित क्षेत्र के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका मासिक विद्युत उपभोग 200 यूनिट तक है। अन्य क्षेत्रों के घरेलू श्रेणी के उपभोक्ता जिनका अनुबन्धित विद्युत भार 1 किलोवाट तक तथा मासिक विद्युत उपभोग 100 यूनिट तक है। उल्लेखनीय है कि भारतीय संविधान की 11वीं एवं 12वीं अनुसूची की व्यवस्था के अनुसार नगरीय परिधि में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना शहरी विकास विभाग के क्षेत्रान्तर्गत, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण एवं तत्संबंधी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराना पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोसदनों का निर्माण कार्य पंचायती राज विभाग के क्षेत्रान्तर्गत आता है। यह भी उल्लखनीय है कि प्रदेश के समस्त पंजीकृत गोसदनों में शरणागत निराश्रित गोवंश को भरण-पोषण एव उनके उपचार से संबंधित समस्त चिकित्सकीय सुविधाएं पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग में अधिसूचित जाति सयाल के स्थान पर जाति सयाला संशोधित किये जाने का निर्णय लिया गया है।

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