कर्ज की वजह से किसान आत्महत्या करने को है मजबूर: डॉ. इंदिरा हृदयेश
हल्द्वानी : नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि राज्य में पहली बार ऐसा दिख रहा है कि कर्ज की वजह से किसान आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हुए हैं। पिथौरागढ़ और खटीमा में दो किसानों की मौत के बाद भी राज्य सरकार गंभीर नही है।
गन्ना किसानों को करोड़ों का बकाया भुगतान नहीं हुआ है। वहीं उत्तर प्रदेश ने किसानों का ऋण माफ कर दिया है। ऐसे में उत्तराखंड के सीएम को भी चाहिए कि वह जल्द ऋण माफ करने का एलान करें। साथ ही किसानों को कर्ज के बोझ से निकालने के नीति बनाई जाए। किसान कांग्रेस 6 जुलाई को देहरादून में धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।
अपने आवास पर पत्रकारों से मुखातिब डॉ इंदिरा हृदयेश ने कहा कि आबकारी नीति लागू करने में भी सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। राज्य में मोबाइल वैन से शराब बिकवाना देवभूमि का अपमान है। यह वैन जल्द बंद न हुई तो कांग्रेस कार्यकर्ता इनका घेराव करेंगे। पहाड़ो में डॉक्टरों के तबादले के नाम पर जिला व बेस अस्पताल खाली कर दिए गए हैं।
सरकारी राशन की दुकानों पर चावल और गेहूं के दाम दोगुने करने के बाद भी आपूर्ति सड़े या खराब खाद्यान्न की होना शर्म की बात है। सरकार ने जनता का भोजन तक बंद कर दिया। सरकार के पास वित्त की कमी तो है, लेकिन डबल इंजन की बात कहने वाले केंद्र से मदद लेकर काम कराने में आगे क्यों नहीं आ रहे। जीएसटी में राज्य की छूट सीमा 50 लाख की जानी चाहिए। इस दौरान पूर्व श्रम मंत्री हरीश दुर्गापाल भी उनके साथ थे।