कपिल ने निलंबन को बताया अवैध, केजरीवाल व ‘आप’ नेताओं को भेजा नोटिस

नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) से निलंबित और दिल्ली सरकार से बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने पार्टी से अपने निलंबन को अवैध बताया है। पार्टी के संविधान का हवाला देते हुए उन्होंने पार्टी के संयोजक व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तथा वरिष्ठ ‘आप’ नेताओं को नोटिस भेज सात दिन में जवाब मांगा है। इस नोटिस में कपिल ने पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) द्वारा पार्टी संविधान के उल्लंघन, बिना प्रक्रिया के निलंबन व नियमों की अवहेलना का जिक्र किया है।

‘आप’ के संस्थापक सदस्यों में शामिल कपिल मिश्रा को गत मई माह में मंत्री पद से हटा दिया गया था। साथ ही पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया गया। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कपिल को मंत्री पद से हटाने का कारण जल बोर्ड में खराब प्रदर्शन बताया था। जबकि मिश्रा का कहना है कि उन्होंने जल बोर्ड टैंकर घोटाले की जांच में तेजी लाने की सरकार से मांग की तो उनसे मंत्री पद छीन लिया गया।

इसके बाद कपिल मिश्रा ने अरविंद केजरीवाल पर दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया। कपिल मिश्रा ने कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के घर पर ही मंत्री सत्येंद्र जैन से दो करोड़ रुपये लेते देखा है। कपिल ने चार सौ करोड़ रुपये के पानी टैंकर घोटाले में अरविद केजरीवाल के भी शामिल होने का आरोप लगाया। इसके अलावा कपिल ने आरोप लगाया है कि शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार के समय हुए घोटाले की जांच में अरविंद केजरीवाल जानबूझकर देरी कर रहे हैं।

नोटिस में पूछे गए मुख्य सवाल

– क्या पार्टी की सदस्यता से निलंबित करने का फैसला पार्टी की पीएसी द्वारा किया गया है?
– कृपया बताएं कि मेरे खिलाफ क्या शिकायत थी व ये शिकायत पीएसी को किसने और कब की थी?
– पार्टी के संविधान के अनुसार किसी भी सदस्य को निलंबित करने का निर्णय केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई पेंडिंग होने की स्थिति में किया जा सकता है। जबकि आज तक किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई पेंडिंग नहीं है।
– पार्टी के सविधान के मुताबिक, किसी भी सदस्य द्वारा अपने स्वतंत्र विचार रखना, सदस्य के निलंबन का कारण नहीं बन सकता। फिर गैर कानूनी तरीके से निलंबित क्यों किया गया?
– सदस्य के निलंबन हेतु पार्टी के संविधान में जितने भी प्रावधान हैं, सभी का खुलेआम उल्लंघन किया गया है। क्या पार्टी पीएसी व संविधान से भी बड़ी हो गई है?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *