उत्तराखंड: हरीश रावत को नहीं सीबीआइ पर भरोसा
भाजपा के एनएच घोटाले में सीबीआइ जांच की संस्तुति पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि तमाम घोटालों की जांच होनी चाहिए।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भ्रष्टाचार और भयमुक्त सरकार के नारे के साथ सत्ता संभालने वाली भाजपा के एनएच घोटाले में सीबीआइ जांच की संस्तुति पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि तमाम घोटालों की जांच होनी चाहिए।
उन्होंने सीधे तौर पर सीबीआइ पर अविश्वास जताने के बजाय कहा कि ये जांच उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराई जानी चाहिए। इस दौरान उन्होंने भाजपा नेताओं का नाम लिए बिना पुराने तमाम घोटालों की जांच कराए जाने की बात भी कही।
विधानसभा सत्र के दूसरे दिन पूर्व सीएम हरीश रावत विधानसभा। इस दौरान वे कुछ समय वीआइपी दीर्घा में भी बैठे रहे। भोजनकाल में उन्होंने मीडिया के साथ बात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। साथ ही उन्होंने ढैंचा बीज घोटाला और स्टूर्जिया घोटाले का जिक्र करते हुए इन तमाम मामलों की जांच भी किए जाने की मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि भाजपा-कांग्र्रेस के कार्यकाल में सामने आए सभी घोटालों की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्होंने सीबीआइ जांच को लेकर अविश्वास नहीं जताया। हालांकि, उन्होंने कहा कि सब समझदार हैं और इसीलिए जांच के लिए मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित किए जाने की मांग कर रहे है।
सीएम रहते हुए जांच नहीं कराए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब उन्होंने कार्यकाल संभाला तब राज्य आपदा से जूझ रहा था और वे उसी में ïव्यस्त रहे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में लिए गए किसी भी फैसले के लिए वे जिम्मेदार हैं। अधिकारी इस मामले में बाद में आते हैं।
धमकी मामले में गंभीर नहीं सरकार
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोमवार को विधानसभा में मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्र्रेस के विधायक फुरकान अहमद और ममता राकेश को मिल रही धमकियों के मामले में सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई। न ही इस मामले में अभी तक कोई ठोस कदम उठाया गया है।
सीएम ने दी बधाई
कांग्र्रेस विधानमंडल दल की नेता चुने जाने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इंदिरा हृदयेश को बधाई दी। विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने भी नेता प्रतिपक्ष को बधाई दी। वहीं, विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र ने बताया कि उत्तराखंड विधानसभा अधिनियम-2008 के तहत 27 मार्च से इंदिरा हृदयेश को नेता प्रतिपक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।