उत्तराखंड में लैंडस्लाइड से फंसे हजारों यात्री, 24 घंटे में भारी बारिश का अलर्ट
नई दिल्ली.देशभर में मानसून एक्टिव हो गया है और ज्यादातर इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। मुंबई में पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, तो वहीं दिल्ली के लोगों को उमस भरी चिपचिपी गर्मी से राहत मिली है। वेदर डिपार्टमेंट के अनुसार आने वाले 24 घंटे में देश के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। देश में अच्छी बारिश के बावजूद मानसून में कमी…
– देश में अच्छी बारिश के बावजूद मानसून में कमी आई है। वेदर डिपार्टमेंट के अनुसार अब तक नौ फीसदी कम पानी गिरा है।
– सेंट्रल इंडिया में 12 और पूर्व व पूर्वोत्तर में यह कमी 28 फीसदी तक की है।
– मौसम विभाग के आंकड़े बताते हैं कि एक जून से दो जुलाई के बीच देश में 164.9 मिलीमीटर बारिश हुई। जबकि सामान्य सीमा 180 मिलीमीटर की है।
– इस बीच दक्षिण-पश्चिम मानसून पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पंजाब व पूर्वी राजस्थान की ओर बढ़ गया है।
– उधर, मुंबई व पुणे में अगले 24 घंटे में भारी बारिश होने का अनुमान जताया गया है।
– बारिश के कारण मुंबई में कई इलाकों में पानी भर गया है। लोगों को अपने काम के लिए घुटनों तक पानी में डूब कर जाना पड़ रहा है।
– मुंबई की लोकल ट्रेनें 15 से 20 मिनट लेट चल रही हैं।
देश में कहां-क्या ?
– उत्तराखंड : रास्ते बंद। भारी बारिश की चेतावनी। सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द।
– हरियाणा :भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त। हिसार में दो बच्चों की मौत, कई इलाकों में पानी भरा।
– मुंबई :कई इलाकों में पानी भरा। लोगों को घुटनों तक पानी में डूब कर जाना पड़ रहा है। लोकल ट्रेनें 15 से 20 मिनट लेट चल रही हैं।
मुंबई में अगले चौबीस घंटे के लिए अलर्ट जारी
– मुंबई में पिछले 24 घंटे में भारी बारिश हुई है। सायन सहित कई स्टेशनों पर पटरियां डूबने से मुंबई लोकल पर भी असर पड़ा।
– मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश का अनुमान जताया है।
– रविवार को अरब सागर में ऊंची लहरें उठी तो लोग मजा लेने पहुंच गए तो पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया।
– पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश से नदियों और नहरों का जलस्तर बढ़ गया है।
– हरियाणा के यमुनानगर में हथनी कुंड बैराज पर शनिवार शाम 12 हजार 254 क्यूसिक पानी था, जो रविवार शाम 4 बजे तक 41 हजार क्यूसिक पहुंच गया।
– इसमें से 30 हजार क्यूसिक पानी यमुना में छोड़ा गया। सिंचाई विभाग ने नदी किनारे वाले गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
उत्तराखंड में फंसे हजारों श्रद्धालु
– उत्तराखंड में बादल फटने, लैंडस्लाइड और बाढ़ की वजह से पिछले 24 घंटे में 35 लोगों की मौत होने की खबर है। वहीं हजारों लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
– पिछले चार-पांच दिनों से हो रही बारिश ने उत्तराखंड का बुरा हाल कर दिया है। पहाड़ों से मलबा गिरने से घर तबाह हो गए हैं और सड़के टूटने से यात्री परेशान हैं।
– सबसे बुरा हाल पिथौरागढ़ जिले का है। बादल फटने और बारिश ने यहां कई गांवों को तबाह कर दिया है। घर बर्बाद हो गए तो लोग बाहर रहने को मजबूर हैं तो वहीं रास्ता बंद होने से लोगों को खाने की चीजें भी नहीं मिल रही हैं।
– बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब की ओर जाने वाला बद्रीनाथ हाइवे नगरासु के पास बंद पड़ा है। रास्ते को खोलने की कोशिश हो रही हैं लेकिन उसमें समय लग सकता है इसलिए लोग जान जोखिम में डालकर जंगल के रास्ते से आ जा रहे हैं।
लोगों की आपबीती
– उत्तराखंड में बादल फटने व तेज बारिश के कारण वहां भोपाल के भी 250 से ज्यादा श्रद्धालु फंस गए हैं।
– कई लोग बद्रीनाथ से तीन दिन पहले दर्शन कर वापसी कर रहे थे तभी चमोली में तेज बारिश और भूस्खलन होने पर उन्हें वहीं रुकना पड़ा।
– भास्कर ने उत्तराखंड में फंसे लोगों से कॉन्टैक्ट किया, जिनमें से कुछ लोगों से बात हुई।
1. याद आ गई उत्तराखंड में हुई तीन साल पुरानी घटना
– मध्य प्रदेश के रहने वाले राजनारायण पटेल ने बताया कि 22 जून को चार धाम यात्रा के लिए निकले थे। करीब 200 लोग थे। मौसम साफ था। 30 जून को बद्रीनाथ पहुंचे।
– उन्होंने बताया दूसरे दिन दर्शन करने के बाद चलने की तैयारी थी कि बारिश होने लगी। अगले 24 घंटे में तेज बारिश होने की सूचना थी। तीन साल पहले की दिल दहला देने वाली प्राकृतिक आपदा सबको पता थी और सभी लोग डरे हुए थे। हम जल्दी से जल्दी निकलना चाहते थे।
– उन्होंने बताया कि हम करीब 70 लोग पांच टैक्सियों में बैठकर चल दिए। 45 किमी दूर चमोली पहुुंचे थे जैसे-तैसे वाहनों में बैठकर रात गुजारी। दूसरे दिन कुछ चलने के बाद ट्रैवल्स की गाड़ियों वाले ने आगे जाने से मना कर दिया। हमें छोड़कर वापस बद्रीनाथ चले गए। जिस जगह पर छोड़ा वहां होटल नहीं थी।
– ‘रातभर सड़क किनारे डेरा डालने के बाद रविवार की अल सुबह सभी ने अपना रूख यहां पहाड़ी रास्तों की ओर किया। एक गांव के पास खाना खाया। रास्ते में पुलिसकर्मियों ने बिस्किट दिए।’
– ‘एक पहाड़ी चढ़े और आज उतरे। करीब 10-11 किलोमीटर चल चुके। किस जगह पर थे पता नहीं लेकिन स्थानीय लोगों ने बताया कि हरिद्वार का रास्ता कोई 10 किलोमीटर दूर है। ‘
2. ट्रैवल्स वाले छाेड़कर भागे, रास्ते में गांव वालों ने खिलाया खाना
– मनोज कुशवाहा ने बताया कि भारी बारिश की सूचना के बाद हम 1 जुलाई को बद्रीनाथ से चल दिए। 25 लोग हैं। चमोली पहुंचने के बाद समस्या शुरू हुई। चार धाम यात्रा के लिए जो गाड़ी बुक किए थे उनके ड्राइवरों ने ज्यादा पैसे लिए और रास्ते में छोड़कर वापस चले गए।
– पहाड़ों में बनी पगडंडियों पर से होकर हम यहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। जो कुछ खाने का सामान था, वह खत्म हो चुका है। आसपास के गांवों के कुछ लोगों ने हमें रोटी, सब्जी व पानी मुहैया कराया।
– दोपहर एक बजे के बाद बादल छाए और हल्की बारिश के कारण हमें पेड़ों के नीचे बैठना पड़ा। हमारा सामान भी बारिश में भीग गया था। हमारे साथ भोपाल के अलावा मिसरोद और रायसेन के लोग भी हैं।
– कई नदियां उफान पर हैं, इस कारण बहुत से सड़क मार्ग बंद हैं। कई लोग रास्ते साफ होने का इंतजार कर जहां, तहां रुके हुए हैं। हम जहां पहुंचे वहां से मुख्य मार्ग की दूरी पता नहीं, लेकिन हरिद्वार 150 किमी दूर है।
चीन में भी भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात
– भारी बारिश से चीन में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोग जरूरी काम के लिए भी घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। यहां मरने वालों की संख्या 61 तक पहुंच गई है।
– ऑफिशियल बयान में रविवार को बताया गया कि पिछले चार दिनों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और आठ लोग लापता हैं।
– अगले दस दिनों में साउथ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है। इस साल के पहले तूफान नेपार्कतक के असर से अगले सप्ताह पूर्वी तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
– ऑफिशियल बयान में रविवार को बताया गया कि पिछले चार दिनों में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और आठ लोग लापता हैं।
– अगले दस दिनों में साउथ इलाकों में भारी बारिश का अनुमान है। इस साल के पहले तूफान नेपार्कतक के असर से अगले सप्ताह पूर्वी तटीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।