उत्तराखंड में जोरदार बारिश, गर्मी से मिली राहत; जारी रहेगा दौर
देहरादून : मौसम विभाग का जैसा पूर्वानुमान था, उत्तराखंड में मौसम ठीक वैसा ही रंग दिखा रहा है। गत शाम से शुरू हुआ बारिश का दौर सुबह भी जारी रहा। समूचे प्रदेश के सभी जिलों में लगातार बारिश के चलते लोगों को तपती गर्मी से भी मिजात मिल गई। साथ ही मौसम सुहावना हो गया है।
कई स्थानों पर बारिश आफत भी लेकर आ रही है। मौसम विभाग की मानें तो अगले 36 घंटों में राज्य में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा व गरज के साथ बौछारें पड़ने का दौर जारी रहेगा। इससे गर्मी के लिहाज से मैदानी क्षेत्रो को राहत रहेगी, लेकिन पर्वतीय इलाकों में झमाझम बारिश दिक्कतें भी खड़ी कर सकती है। विभाग ने चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ व नैनीताल जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है, जबकि राज्य में कहीं ओलावृष्टि और 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। इस दरम्यान लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी के मद्देनजर मुख्य सचिव एस.रामास्वामी ने आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी को एडवाइजरी जारी कर संबंधित जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
देहरादून, रुड़की, हरिद्वार सहित समूचे गढ़वाल के साथ कुमाऊं मंडल में सुबह से ही तेज बारिश हो रही है। हालांकि गंगोत्री, यमुनोत्री, बदरीनाथ, केदारनाथ के साथ ही यात्रा मार्ग सुचारु हैं। उत्तरकाशी जिले में रात भर हुई रिमझिम बारिश के चलते मल्ला में भूस्खलन से एक परिवार का कीचन टूट गया।
पहाड़ों की रानी मसूरी में रात एक बजे से सुबह छह बजे तक हुई मूसलाधार बारिश हुई। इसके बाद रिमझिम बारिश का दौर जारी है। इससे मसूरी का तापमान 16 डिग्री सेलसियस के करीब पहुंच गया। अंधड़ के साथ हुई बारिश का पानी कई घरों में घुस गया।
हरिद्वार में पथरी थाना क्षेत्र की चौकी फेरूपुर पर परिसर में तेज तूफान से बिजली के तीन खंबे गिर गए। इस दौरान पुलिस कर्मियों ने भागकर जान बचाई।
कुमाऊं में सरोवर नगरी में नैनीताल में मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार तड़के छह बजे से बारिश शुरू हो गई है। मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है। लगातार हो रही बारिश झील के जल स्तर घटने से उपजी चिंता को कम कर रही है। बारिश से नाले उफन पड़े है। पर्यटक नगरी रानीखेत, कोसी व गगास घाटी समेत समूचे पर्वतीय अंचल में झमाझम बारिश हो रही है।
पिथौरागढ़ जिले मे बारिश के चलते नाचनी बांसबगड़ मार्ग अभी भी बंद है। कुछ मार्गो मे तेज हवा से पेड़ गिर गए। साथ ही हिमालय की ऊची चोटियों में हिमपात भी हुआ।