इंफोसिस में ऑटोमेशन की वजह से 9000 कर्मचारी हुए कार्यमुक्त, अब अन्य कामों की ले रहे हैं ट्रेनिंग
बेंगलुरु। जब पहली बार कंप्यूटर को दफ्तरों में लगाना शुरू किया गया तो बहुत से लोग इस बात से डर गए थे कि कंप्यूटर बहुत से लोगों की नौकरी खा लेगा। कुछ ऐसा ही देखने को मिला है इंफोसिस में। इंफोसिस में ऑटोमेशन के चलते पिछले साल भर में करीब 8000-9000 लोगों के काम की जगह ऑटोमेशन ने ले ली है। हालांकि, यह कहना ठीक नहीं होगा कि ऑटोमेशन ने लोगों की नौकरी खा ली है, क्योंकि अब ये कर्मचारी कंपनी के अन्य काम कर रहे हैं। इस बात की जानकारी खुद कंपनी के एचआर हेड कृष्णमूर्ति शंकर ने दी है। ये भी पढ़ें- जीएसटी: 2 करोड़ रुपए तक की कर चोरी पर मिलेगी तुरंत जमानत, जानिए कब होगी गिरफ्तारी
शंकर ने कहा- हम हर तिमाही में करीब 2000 लोगों को उनके काम से हटा रहे हैं, क्योंकि उनके काम ऑटोमेशन से किए जा रहे हैं। जिन लोगों को उनके काम से हटाया जा रहा है उन्हें अन्य स्पेशल काम करने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है। शंकर ने कहा कि ऑटोमेशन की वजह से आने वाले समय में नौकरियों में कमी आएगी। इस तरह यह भी कहा जा सकता है कि ऑटोमेशन की वजह से नौकरियों में भी कमी आएगी। आपको बता दें कि कृष्णमूर्ति शंकर 2015 में फिलिप्स को छोड़कर इंफोसिस में शामिल हुए थे।
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आपको बता दें कि इससे पहले भी अगस्त 2016 में भी इंफोसिस से करीब 3000 कर्मचारियों को निकालने जाने की खबर आई थी। कंपनी के ग्लोबर एचआर हेड सौरभ गोविल ने नवंबर में कहा था कि करीब 3200 कर्मचारियों को ऑटोमेशन की वजह से कार्यमुक्त किया गया है। शंकर ने कहा कि इंफोसिस ने अभी तक पहले बैच में 490 लोगों को ट्रेनिंग दे दी है।
Source: hindi.oneindia.com