आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में युवराज सिंह ने की थी करियर की तूफानी शुरुआत, इस बार भी ऐसे ही धमाके की उम्‍मीद

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने वाली टीम इंडिया में चंडीगढ़ के धमाकेदार बल्‍लेबाज युवराज सिंह भी शामिल हैं. टी20 मुकाबले में इंग्‍लैंड के खिलाफ स्‍टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में छह छक्‍के लगाकर तहलका मचा चुके युवराज सिंह का प्रदर्शन टूर्नामेंट में टीम इंडिया के लिए बेहद महत्‍वपूर्ण होगा. भारतीय टीम के कप्‍तान विराट कोहली भी युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी को टीम का सबसे वरिष्‍ठ सदस्‍य बताते हुए इन दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन की उम्‍मीद जता चुके हैं. ज्‍यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि युवी ने वर्ष 2000 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी से ही अपने वनडे करियर का आगाज किया था. युवराज ने तीन अक्‍टूबर 2000 को केन्‍या के खिलाफ अपने करियर का पहला मैच खेला था. हालांकि इस मैच में युवी को बैटिंग का मौका नहीं मिल पाया था और उनकी बल्‍लेबाजी के बिना ही टीम इंडिया ने मैच 8 विकेट के बड़े अंतर से मैच जीत लिया था. इस वर्ष टूर्नामेंट का आयोजन केन्‍या के नैरोबी में हुआ था.

बहरहाल इस मैच में बैटिंग नहीं कर पाने की भरपाई युवराज ने प्रबल प्रतिद्वंद्वी ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ मैच में तूफानी तरीके से की थी. सात अक्‍टूबर 2000 को खेले गए इस मैच में युवराज ने महज 80 गेंदों पर 84 रन (12 चौके) बनाते हुए की थी. वे इस मैच के सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ी घोषित हुए थे और मुकाबले में टीम इंडिया ने 20 रन से जीत हासिल की थी. मैच में खेलने वाली ऑस्‍ट्रेलियाई टीम में ग्‍लेन मैक्‍ग्रा, ब्रेट ली, जेसन गिलेस्‍पी, इयान हॉर्वे औरी शेन ली जैसे गेंदबाज शामिल थे. इस आक्रमण के खिलाफ अपने प्रदर्शन के स्‍तर को ऊंचाई प्रदान करते हुए युवराज ने ऐसी पारी खेली थी जिसने भारतीय प्रशंसकों का दिल खुश कर दिया था. टूर्नामेंट में इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भी युवराज ने 35 गेंद पर 41 रन की पारी खेली थी, जिसमें छह चौके शामिल थे. टूर्नामेंट में टीम इंडिया फाइनल तक पहुंचने में सफल रही थी लेकिन न्‍यूजीलैंड के हाथों चार विकेट से हारकर उसे उपविजेता रहकर संतोष करना पड़ा था.

चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के लिए चुनी गई भारतीय टीम में इस बार भी युवराज सिंह शामिल हैं और प्रदर्शन उनके ऐसे ही प्रदर्शन की उम्‍मीद लगाकर बैठे हैं. हालांकि उम्र बढ़ने के साथ-साथ युवराज के बैटिंग परफॉरमेंस के कुछ गिरावट आई है लेकिन 35 वर्ष का यह खिलाड़ी अभी भी मैच विनर है. अपने खास दिन युवराज की उन्‍मुक्‍त बल्‍लेबाजी किसी भी श्रेष्‍ठ गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां बिखेरने के लिए काफी होती है. गेंदबाजों पर उनका खौफ होता है. स्‍टुअर्ट ब्रॉड के मुल्‍क, इंग्‍लैंड में युवराज के पास इस बार अपनी चमक दिखाने का सुनहरा मौका है. युवराज के पक्ष में एक बात यह भी है कि आईपीएल में अपने प्रदर्शन से वे शानदार टच में हैं. आईपीएल में सनराइजर्स हैदराबाद का प्रतिनिधित्‍व करते हुए युवी ने 12 मैचों में 252 रन बनाए थे जिसमें नाबाद 70 उनका सर्वोच्‍च स्‍कोर रहा. टूर्नामेंट में उन्‍होंने दो अर्धशतक लगाए. बल्‍लेबाजी के अलावा अपनी स्पिन गेंदबाजी से भी युवराज टीम के लिए उपयोगी साबित होती है. इसकी झलक वे 2011 के वर्ल्‍डकप में दिखा चुके हैं. वैसे गेंदबाजी के बजाय टीम इंडिया को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में बल्‍लेबाज युवराज से धमाकेदार पारियों की दरकार है. उम्‍मीद है कि युवराज अपनी प्रतिभा से पूरा न्‍याय करते हुए टीम इंडिया की जीत में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएंगे….

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