अग्नि-Vकी सफलता के बाद नजरें अब कई टारगेट्स को तबाह करने वाली अग्नि-VI पर
नई दिल्ली। सोमवार को भारत ने 5,000 किमी से ज्यादा रेंज वाली अग्नि-V मिसाइल का चौथा और अंतिम टेस्ट किया और यह सफल रहा है। इस सफलता के बाद भारत की नजरें अग्नि-VIपर टिकी हैं। अग्नि-V का टेस्ट ओडिशा के बालासोर स्थित चांदीपुर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। डीआरडीओ ने देश की इस सबसे खतरनाक मिसाइल के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
8,000 से 12,000 रेंज वाली है अग्नि-VIइंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-V को गेंम चेंजर कहा जा रहा है। यह मिसाइल एक बड़ा रणनीतिक कदम माना जा रहा है क्योंकि यह मिसाइल पूरे चीन को अपनी जद में लेती है। वहीं दूसरी तरफ है अग्नि-VI जो अग्नि 5 से कई मायनों में कई कदम आगे है। इसकी रेंज 8,000 किमी से लेकर 12,000 किमी तक है। अग्नि-VI,अग्नि-V से लंबी है और माना जा रहा है कि वर्ष 2017 में इसका पहला परीक्षण किया जा सकता है। भारत सरकार को जहां अभी इस प्रोजेक्ट की मंजूरी देनी है तो वहीं डिफेंस रिसर्च एंड डेवलमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) की ओर से इंजीनियरिंग वर्क को पूरा कर लिया गया है। अग्नि-VI को अग्नि वर्जन की सभी मिसाइलों में सबसे आधुनिक माना जा रहा है। अग्नि छह सभी तरह के हथियारों को ले जाने में सक्षम है। डीआरडीओ के एक सीनियर साइंटिस्ट के मुताबिक अग्नि-VI मिसाइल नई जनरेशन की मिसाइल है और यह काफी पतली होगी। इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकेगा और तैनाती के लिए हमेशा तैयार रहेगी। अग्नि-VI को पनडुब्बी के साथ ही साथ लैंड बेस्ड लॉन्चर्स से भी लॉन्च किया जा सकेगा। जनवरी के पहले हफ्ते में 4,000 किमी की रेंज वाली अग्नि-IV का भी एक परीक्षण होना है। इसे बंगाल की खाड़ी से लॉन्च किया जाएगा।
पहली अग्नि आई थी सन 1989 मेंपृथ्वी और धनुष जैसी शॉर्ट रेंज वाली मिसाइलों के अलावा अब स्ट्रैटेजिक कमांड फोर्स (एसएफसी) में 700 किमी वाली अग्नि-I, 2000 किमी की रेंज वाली अग्नि-II और 3,000 किमी की रेंज वाली अग्नि-III मिसाइल को अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है। अग्नि-V को अपने बेड़े में शामिल करने में एसएफसी को दो वर्ष लगेंगे। लेकिन इसकी सफलता ने भारत को अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और यूनाइटेड किंगडम (यूके) की श्रेणी में लाकर रख दिया है जिनमें पास आईसीबीएम मिसाइलें हैं। अग्नि-VI को जल्द ही एमआईआरवी यानी मल्टीपल इंडीपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल्स से लैस किया जाएगा। एमआईआरवी से लैस होने का मतलब होगा अग्नि-VI कई न्यूक्लियर हथियारों के साथ कई तरह के टारगेट्स को एक साथ भेद सकेगी। अग्नि सीरीज की पहली मिसाइल अग्नि-I को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत वर्ष 1989 में डेवलप किया गया था।
Source: hindi.oneindia.com