अगले 5 वर्षों में वाटर पावर बनेगा उत्तराखंड : मुख्यमंत्री
देहरादून, । शनिवार को बीजापुर हाऊस में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य योजना आयोग द्वारा वर्षाजल के संचयन पर तैयार की गयी पुस्तिका उत्तराखंड मैनूयल फोर रैन वाटर हारवैस्टिंग एंड रिसर्च का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य को अगले 5 वर्षों में वाटर पावर बनाने के लिये सरकार लगातर प्रयासरत् है। उन्होंने कहा कि जानकारी के अभाव में हम लोग बहुत सा पानी बर्बाद कर देते हैं, जिसका उपयोग अन्य कार्यों में किया जा सकता था। सभी विभागों एवं आमजन को इस पुस्तिका के माध्यम से वर्षाजल का भूमिगत रिचार्ज बढ़ाने के लिये जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी। ग्राम पंचायतों में भी इसके लिये जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी ताकि वर्षा के जल को संचित करने के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि सरकार द्वारा इसके लिये बोनस भी उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही वन विभाग को 10 हजार चालखालें तैयार करने को कहा गया है जिसमें से 1000 चालखाल तैयार भी कर दी गयी हैं। वन विभाग द्वारा इसके लिये ट्रेंचिज भी बनायी जा रही है। जल संचय के लिये जल संस्थान, जल निगम, नगर पालिका, लोक निर्माण विभाग व सिंचाई विभाग सभी के साथ मिलकर कार्य करना होगा। जंगल और पानी हमारी ताकत है और राज्य सरकार की कोशिश है कि जंगलों और चालखालों को रिवाईव करके अपनी शक्ति को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि वर्षाजल का भूमिगत रिचार्ज बढ़ाने में पुराने तरीके अधिक कारगर हैं, हमें अपने पुराने तरीकों को अपनाना चाहिए, जिसमें चालखाल में सीमेंट का प्रयोग नहीं किया जाता है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि पेयजल एवं सिंचाई हेतु पानी की कमी पूरे देश की समस्या है। इसमें राज्य के नागरिकों के सहयोग के बिना सफलता पाना मुश्किल है। छोटे-छोटे तरीके अपनाकर हम सरफेस रन ऑफ वाटर की मात्रा कम कर सकते हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री दिनेश धनै, अपर सचिव रंजीत सिन्हा एवं राज्य योजना आयोग के सलाहकार एच.पी. उनियाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।