मेयर सौरभ थपलियाल ने दिखाई हरी झंडी
देहरादून, । देहरादून के शिक्षित छात्रों के समाजसेवी संगठन, ‘मेकिंग अ डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस’ (मैड) ने अपनी स्थापना के 14 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आज एक भव्य ‘मैडथॉन’ दौड़ का आयोजन किया। इस दौड़ का मुख्य उद्देश्य देहरादून की सिकुड़ती और सिमटती जल धाराओं के पुनर्जीवन हेतु एक विशाल जन अभियान का सूत्रपात करना और सरकार से इस विषय पर उचित नीति-नियोजन करने का आह्वान करना था। इस दौड़ में प्रतिभाग करने के लिए लगभग 5000 युवा देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। प्रातःकाल 5रू30 बजे से 6रू30 बजे के बीच ही परेड ग्राउंड प्रतिभागियों के जोश से भर गया। बढ़ती भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुलिस भी परेड ग्राउंड पहुंची। आयोजकों ने पहले से ही दौड़ के आयोजन के लिए प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर ली थी।
दौड़ में बच्चों के अलावा कई वरिष्ठ नागरिकों ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस ‘मैडथॉन’ का मुख्य आकर्षण यह था कि यह पूरी तरह से प्लास्टिक-मुक्त मैराथन थी। प्रचार-प्रसार हेतु जो बैनर छपवाए गए थे, वे ड।क् के स्वयंसेवकों द्वारा खुद कपड़े के ऊपर तैयार किए गए थे। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों के लिए सैंडविच और रिफ्रेशमेंट इत्यादि की व्यवस्था भी ड।क् के स्वयंसेवकों ने खुद रात को अपने ही सदस्यों के घरों में तैयार करके की, ताकि किसी भी प्रकार की प्लास्टिक पैकेजिंग या प्लास्टिक रैपर का उपयोग न हो।
दौड़ के आयोजन के लिए परेड ग्राउंड को इस तरीके से सजाया गया था, जिसमें देहरादून की नदियों, मुख्य रूप से रिस्पना और बिंदाल की पूरी कहानी दृ उनके मुख्य उद्गम से लेकर गंगा में उनके विलय तक दृ की व्याख्या की जा सके।
जहां एक ओर हजारों प्रतिभागियों ने ड।क् की मैराथन में भाग लिया, वहीं दूसरी ओर कई वरिष्ठ नागरिक और बुद्धिजीवी भी ड।क् की मैराथन से अपनी सहानुभूति व्यक्त करने और संस्था के 14 वर्ष पूर्ण होने पर अपनी बधाई देने पहुंचे। इनमें प्रमुख रूप से समाजसेवी और चिपको आंदोलनकारी पी.सी. तिवारी,समाजसेवी अभिनव थापर, संयुक्त नागरिक संगठन के चंद्रगुप्त विक्रम,मेजर एमएस रावत,अवधेश शर्मा,सुशील त्यागी,निखिल शर्मा, प्रमेंद्र बर्थवाल,नवीन कुमार सदाना,उमेश्वर सिंह रावत,परमजीत कक्कड़,पार्थ त्यागी रवि चोपड़ा शामिल थे। मैराथन दौड़ में पुरुषों में सबल कंडारी, कलम सिंह बिष्ट, लक्ष्मण लामा और नितिन भंडारी विजेता रहे। महिलाओं में मीणा कंधारी, कांति जी और अलका जी ने जीत हासिल की। सभी लोगों को प्रतिभाग के लिए उत्साहित करने हेतु विशेष रूप से अन्य आयु सीमा भी रखी गई थी।