मुख्यमंत्री ने चमोली में 4.93 करोड़ लागत से नवनिर्मित उप संभागीय परिवहन कार्यालय भवन का किया लोकार्पण

देहरादून, । गौचर में 72वॉं राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को  गौचर मेले का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने चमोली में 4.93 करोड़ की लागत से नवनिर्मित उप संभागीय परिवहन कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने पोखरी में रानौ-सिमखोली मोटर मार्ग, काफलपानी से भरतपुर तक मोटर मार्ग विस्तारीकरण, जिलासू-सरणा मोटर मार्ग निर्माण, चमोली प्रेस क्लब को कक्ष निर्माण हेतु 10 लाख की स्वीकृति, आगामी नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास हेतु माह दिसंबर में उच्च स्तरीय बैठक कराने और पोखरी में पालिटेक्निक भवन निर्माण कार्य पूरा कराने की घोषणा भी की। गौचर मेले में विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गौचर मेला संस्कृति, बाजार तथा उद्योग तीनों के समन्वय के कारण एक प्रसिद्ध राजकीय मेला है। मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक गौचर मेले के शुभारंभ पर सबको बधाई देते हुए कहा कि सात दशकों से अधिक समय से इस मेले का आयोजन हमारे राज्य और सब क्षेत्रवासियों के लिए गर्व की बात है। गौचर मेला हमारे राज्य के प्रमुख ऐतिहासिक मेलों में से एक है, जिसमें सरकार की विभिन्न विभाग सक्रिय होकर प्रतिभाग करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले हमारे जीवन में बहुत विशेष स्थान रखते हैं। मेलों के माध्यम से समृद्ध परंपराएं को संजोने में सहायता मिलती है। साथ ही मेले, मनोरंजन और सामाजिक मेल मिलाप मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गौचर का मेला अन्य मेलों और विशेष है। यह मेला हमारी संस्कृति को संजोने एंव व्यापारिक गतिविधियों को भी एक बड़ा मंच प्रदान करता आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक ओर भारत में सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा रहा है। वहीं वोकल फार लोकल, मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया जैसे पहलुओं के माध्यम से हमारे स्थानीय उद्योगों और स्वयं सहायता समूह में काम करने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित करने का काम किया जा रहा है। इस दिशा में हमारी सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत भी की है।  जिसमें स्थानीय उत्पादों को राज्य में ही नहीं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पहचान मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि पहाड़ों से हो रहे पलायनों को रोका जाए तथा गांव में पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान किया जाए। राज्य सरकार के प्रयासों से फिल्म शूटिंग के लिए भी उत्तराखंड एक बहुत ही पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है। वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी उत्तराखंड ने एक बड़ी पहचान स्थापित की है। सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए वैलनेस, आईटी और सौर ऊर्जा जैसे विशेष सेक्टर पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

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