मंत्री रेखा आर्य ने महिलाओं से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा की
देहरादून, । प्रदेश की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में सम्बन्धित अधिकारियांे के साथ महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास को आबकारी विभाग से मिलने वाले 1 प्रतिशत सेस के उपयोग सहित भारत सरकार की क्रेच (पालना) योजना के प्रदेश में सफल संचालन एवं एकल महिला योजना को लेकर विस्तृत चर्चा करने के साथ ही आवश्यक दिशा निर्देश दिये। वहीं उन्होंने प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण एवं बाल विकास के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी भी सम्बन्धित अधिकारियों से ली।
मंत्री ने कहा कि एकल महिला योजना के सम्बन्ध में विभाग द्वारा कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है, जिस पर वित्त विभाग द्वारा परिक्षण के उपरान्त अग्रिम कार्यवाही की जायेगी। मंत्री ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आबकारी विभाग से मिलने वाले 1 प्रतिशत सेस के सम्बन्ध में अनुपूरक बजट 2024-25 में लगभग आठ करोड़ रूप्ये की धनराशि स्वीकृत की गई है जिसके उपयोग को लेकर नियमावली तैयार करते हुए आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जायेगा।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश की कामकाजी महिलाओं के छह माह से छः वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल हेतु भारत सरकार की क्रेच योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 34 आंगनबाड़ी कम के्रच केन्द्रों को खोले जाने की स्वीकृति भारत सरकार द्वारा दी गयी है, लिहाजा प्रारम्भ में प्रदेश के दो आगंनबाड़ी के्रन्द्रों जनपद हरिद्वार के हरिद्वार एवं जनपद देहरादून के सेलाकुई स्थित आंगनबाड़ी केन्द्रों को आंगनबाड़ी कम क्रेच केन्द्रों के माॅडल रुप में संचालित किया जाय ताकि आंगनबाड़ी कम क्रेच केन्द्रों के सफल संचालन का अनुभव प्राप्त हो सके तथा इन्हीं दो माॅडल केन्द्रों के आधार पर अन्य स्वीकृत आंगनबाड़ी कम क्रेच केन्द्रों का सफल संचालन किया जाय। मंत्री ने कहा कि क्रेच केन्द्रों में सभी प्रकार की मूल-भूत सूविधाएं प्रदान की जाएंगी, जो कि डे बोर्डिंग की तरह विकसित किये जायेंगे।
मंत्री ने वात्सल्य योजना की समीक्षा करते ंहुए कहा कि जुलाई और अगस्त माह की धनराशि के आवंटन हेतु सितम्बर माह के पहले पखवाड़े में बजट प्राप्त होने के उपरान्त लाभार्थियों को शेष धनराशि का भुगतान कर दिया जायेगा। मंत्री ने कहा कि इस तरह की जन कल्याणकारी योजनाओं से महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण की दिशा में तेजी से परिवर्तन होगा तथा इन योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को ससमय मिल सकेगा।