नूपुर शर्मा को SC की फटकार, राहत मांगने गईं पर उलटा घिरीं, दिल्ली पुलिस पर भी टिप्पणी
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट में राहत के लिए पहुंची भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने शर्मा को फटकार लगाई और कहा कि आपके बयानों से अशांति फैली है। साथ ही अदालत ने उन्होंने राहत देने से इनकार कर दिया है और मामले को उच्च न्यायालय में ले जाने के लिए कहा है। शर्मा ने याचिका दायर कर अपने खिलाफ अलग-अलग राज्यों में दर्ज FIR को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग की थी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने देर से माफी मांगने की बात कही है। कोर्ट ने कहा कि शर्मा ने बयान के खिलाफ लोगों के आक्रोश के खिलाफ ‘सशर्त माफी’ मांगी थी। कोर्ट ने उन्हें भड़काऊ टिप्पणी को लेकर टीवी पर जाकर माफी मांगने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा, ‘उन्हें टीवी पर जाकर देश से माफी मांगनी चाहिए थी… उन्होंने देरी की… और उसके बाद भी शर्तों के साथ यह कहते हुए बयान वापस लिया कि अगर भावनाएं आहत हुई हैं तो।’27 मई को ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर चल रही डिबेट के दौरान शर्मा ने टिप्पणी की थी। शुक्रवार को अदालत ने कहा कि चैनल के पास ‘एजेंडा का प्रचार’ करने के जाए इस मामले पर चर्चा करने का क्या काम था। अदालत ने यह भी कहा कि अगर शर्मा डिबेट के कथित गलत इस्तेमाल से परेशान थीं, तो उन्हें एंकर के खिलाफ FIR दर्ज करनी चाहिए थी।सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने पूछा है कि मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस ने रेड कार्पेट बिछा रखा है। शीर्ष अदालत ने शर्मा के वकील को मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने की सलाह दी है। कोर्ट ने उदयपुर में हुई घटना का जिम्मेदार भी शर्मा के बयानों को बताया है। कोर्ट ने कहा कि उनकी बयान ने पूरे देश में आग लगाई। कोर्ट ने कहा है कि उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा पहुंचाया है। कहा गया कि उनके चलते पूरे देश में ही अशांति हो गई है। शर्मा की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने अपने बयानों के लिए माफी मांग ली है और उन्हें वापस भी ले लिया है। कोर्ट ने उकसाने वालों के खिलाफ भी FIR दर्ज किए जाने की बात कही है।