डेंगू कें डंक से सिस्टम खौफजदा
देहरादून, । प्रदेश में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार डेंगू को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हो रही है। राज्य का स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में उदासीन बना हुआ है। उत्तराखंड में जन स्वास्थ्य के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता दोनों सवालों के घेरे में है। सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की फेहरिस्त दिन प्रतिदिन लंबी होती जा रही है, लेकिन अफसोस यह कि निजी अस्पतालों में डेंगू पीड़ितों की स्थिति से सूबे का सरकारी तंत्र पूरी तरह अनजान बना बैठा है। जनवरी से छह सितंबर तक प्रदेश में डेंगू पीड़ितों का आंकड़ा 756 तक पहुंच गया है। इनमें देहरादून के 709, हरिद्वार के 16, नैनीताल के 29 व बाहरी राज्यों के चार मरीज भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग दवाओं का छिड़काव करने तक सीमित है। डेंगू पीड़ितों के समुचित उपचार के लिए ब्लड प्लेटलेट्स की उपलब्धता को लेकर स्वास्थ्य महकमे में ही विरोधाभास साफ नजर आ रहा है। स्वास्थ्य महानिदेशालय का दावा है कि सरकारी अस्पतालों में किसी भी ब्लड ग्रुप की प्लेटलेट्स की कमी नहीं है।