केजरीवाल मंत्री सत्येंद्र जैन की मुश्किल बढ़ी, CBI ने की 8 घंटे तक पूछताछ
नई दिल्ली । हवाला ऑपरेटरों की मदद से करोड़ों रुपये के कालेधन को सफेद करने के मामले में फंसे दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से सीबीआइ ने बृहस्पतिवार को लगभग आठ घंटे तक पूछताछ की। मंत्री सुबह 11 बजे एजेंसी के मुख्यालय पर पहुंचे। उनके खिलाफ करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है।
आयकर विभाग पहले ही बेनामी संपत्ति कानून के तहत जैन की करोड़ों रुपये की संपत्ति को अटैच करने का आदेश जारी कर चुका है।
दरअसल सत्येंद्र जैन की स्वामित्व वाली कंपनी मंगलायतन प्रोजेक्ट्स, पारस इंफोसाल्यूशंस और अकिंचन डेवलपर्स में हवाला के मार्फत करोड़ों रुपये उनके दिल्ली सरकार में मंत्री बनने के बाद भी आए थे। सीबीआइ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत जांच कर रही है।
इस मामले में प्रारंभिक जांच का केस दर्ज किया गया है, लेकिन यदि जैन सीबीआइ को सफाई देने विफल रहे तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की जा सकती है।
एक बार सीबीआइ में मुकदमा दर्ज होने के बाद ईडी के लिए सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत केस दर्ज करने का रास्ता खुल जाएगा।
मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत ईडी को ऐसी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते से सत्येंद्र जैन के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सत्येंद्र जैन से मंत्री बनने के बाद उनके परिवार की कंपनियों में आए धन के बारे में पूछताछ की गई है। उन पर वित्त वर्ष 2015- के दौरान 4.63 करोड़ की मनी लांडिंग का आरोप है।
उधर, आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि जैन ने हवाला ऑपरेटरों की मदद से जो काला धन सफेद किया, उससे दिल्ली में 200 बीघा से अधिक कृषि भूमि खरीदी।
यह जमीन उनके नियंत्रण वाली कंपनियों के नाम अवैध कालोनियों के पास खरीदी गई, ताकि इनके नियमित होने पर इस जमीन को ऊंची कीमत पर बेचा जा सके।
जमीन खरीद पंजीकरण के कागजों पर भी जैन की तस्वीर लगी है। सत्येंद्र जैन ने मंत्री बनने से पहले इन कंपनियों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कंपनियों पर उनका और उनके परिवार के सदस्यों का ही नियंत्रण है।