कश्मीर में हिंसा के 50 दिन, 68 मौतें
नई दिल्ली/श्रीनगर. कश्मीर में 50 दिन से जारी हिंसा 68 लोगों की जान ले चुकी है। दो बार राजनाथ सिंह घाटी का दौरा कर चुके हैं। मौजूदा हालात पर बातचीत के लिए शनिवार को सीएम महबूबा मुफ्ती ने नरेंद्र मोदी से दिल्ली में एक घंटे मुलाकात की। बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कम से कम 4 बार अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया। कश्मीर मसले का मुकम्मल हल निकालने के लिए मोदी से अपील की। कहा- “मोदीजी के पास 2/3 मेजॉरिटी है। अगर आज मसला हल नहीं हुआ तो कभी कुछ नहीं होगा।महबूबा के बोल
– सीएम ने कहा, “घाटी में लगातार हिंसा हो रही है। आज एक कॉन्स्टेबल को मार दिया गया। पीएम चाहते हैं ये खून-खराबा खत्म हो। वे शांति बहाली के पक्ष में हैं। ताकि जम्मू-कश्मीर के लोग अमन-चैन से जिंदगी बसर कर सकें।”
– “मोदी दिसंबर में लाहौर गए। उन्होंने पाकिस्तान के साथ शांति बहाली की कोशिश की। लेकिन जनवरी में पठानकोट हमला हो गया। सार्क समिट में होम मिनिस्टर इस्लामाबाद गए। लेकिन पाकिस्तान ने कोई बात नहीं की और सुनहरा मौका खो दिया।”
– “जम्मू-कश्मीर में 2008, 2010 में हालात खराब हुए। लेकिन तब शायद वजह दूसरी थी। 2008-10 में यूपीए ने कश्मीर को भुला दिया था। मोदीजी के पास दो-तिहाई मेजॉरिटी है। अगर ये मुद्दा अभी हल नहीं होगा तो फिर कभी नहीं होगा।”
– “मोदी कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बात होनी चाहिए। तो इसके लिए ऐसे लोग मुकर्रर होने चाहिए जिनपर लोग भरोसा करें। मोदी जी अगर चाहेंगे और वो चाहते भी हैं कि जम्मू-कश्मीर में खून-खराबा खत्म हो।”
– “जो लोग इस वक्त बच्चों को उकसा रहे हैं कि कैम्प में जाकर घुस जाओ। उनकी आइडियोलॉजी अलग है। वे हिंसा चाहते हैं। कश्मीर में युवाओं को बहकाने की कोशिश हो रही है। हिंसा फैलाने वालों से कैसे बातचीत हो सकती है?”
– “जम्मू-कश्मीर में 2008, 2010 में हालात खराब हुए। लेकिन तब शायद वजह दूसरी थी। 2008-10 में यूपीए ने कश्मीर को भुला दिया था। मोदीजी के पास दो-तिहाई मेजॉरिटी है। अगर ये मुद्दा अभी हल नहीं होगा तो फिर कभी नहीं होगा।”
– “मोदी कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बात होनी चाहिए। तो इसके लिए ऐसे लोग मुकर्रर होने चाहिए जिनपर लोग भरोसा करें। मोदी जी अगर चाहेंगे और वो चाहते भी हैं कि जम्मू-कश्मीर में खून-खराबा खत्म हो।”
– “जो लोग इस वक्त बच्चों को उकसा रहे हैं कि कैम्प में जाकर घुस जाओ। उनकी आइडियोलॉजी अलग है। वे हिंसा चाहते हैं। कश्मीर में युवाओं को बहकाने की कोशिश हो रही है। हिंसा फैलाने वालों से कैसे बातचीत हो सकती है?”