… और अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा- हर साल जितने रोजगार पैदा होने चाहिए, हो नहीं रहे
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आगाह किया है कि हर साल रोजगार बाजार में प्रवेश करने वाले एक करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में रोजगार सृजन नहीं हो रहे हैं जो देश के जनांकिकीय लाभांश (Demographic Dividend) का सही लाभ उठाने के रास्ते में बाधा की तरह है.
ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के हीरक जयंती साल पर विशेष कार्य्रकम में मुखर्जी ने कहा कि देश में उद्यमिता के लिए पूर्ण प्रशिक्षण देने वाली प्रबंधन शिक्षा की तत्काल जरूरत है. उन्होंने कहा, ‘हर वर्ष एक करोड़ लोग रोजगार बाजार में आते हैं लेकिन उनके लिए पर्याप्त मात्रा में रोजगार सृजित नहीं हो रहे हैं. इसके समाधान के लिए हमें स्टार्टअप पर निर्भर करना पड़ेगा. हमें छोटे कारोबार शुरू करने चाहिए.’
मुखर्जी ने कहा, ‘भारत के पास सबसे अधिक युवा शक्ति और कार्यबल है और उसके पास यह सुविधा थोड़े और अधिक समय के लिए रह सकती है, लेकिन यह लाभांश हमें सही लाभांश नहीं देगा यदि हम अपनी युवा शक्ति और कार्यबल को उत्पादक रोजगार में तब्दील नहीं कर पाए.’ देश में प्रबंधकीय और उद्यम कौशल को बढ़ाने पर जोर देते हुए मुखर्जी ने कहा कि देश को इसके युवाओं के लिए अधिक कारोबार शुरू करने की जरूरत है और नौकरी के स्थान पर उनके लिए अधिक रोजगार अवसर पैदा करने की भी आवश्यकता है.